नई दिल्ली
दिल्ला विधानसभा चुनाव में वार-पलटवार का सिलसिला जारी है। बीजेपी ने आज दिल्ली के सीएम पर एक और हमला बोलते हुए उनपर दिल्ली को कट्टरपंथियों का गढ़ बनाने का आरोप लगा डाला। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के कारण केजरीवाल मस्जिद के इमामों के वेतन दे रहे हैं लेकिन मंदिर के पुजारी उनका हिस्सा नहीं हैं।
आखिर पुजारियों से क्या है बैर?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मस्जिदों के मौलिवियों को वेतन देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों को भी यह क्यों नहीं मिल रहा है? सीएम केजरीवाल पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'केजरीवाल ने तुष्टिकरण से दिल्ली को कंट्टरपंथियों का गढ़ बना दिया। और कंट्टरपंथी तैयार हो सके इसके लिए मौलवियों और सहायक को 18,000 की तनख्वाह दी जा रही है। शांति का संदेश देने वाले दिल्ली के मंदिर और उनके पुजारी दिल्ली का हिस्सा नहीं? वोट बैंक की राजनीति ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया।'
गिरिराज बोले- केजरी कर रहे हैं तुष्टिकरण की राजनीति
गिरिराज सिंह ने कहा, 'केजरीवाल साहब का नशा तब टूटा है, जब दिल्ली का मिजाज बदलने लगा है। तुष्टिकरण की राजनीति करते-करते केजरीवाल 2015 में आए थे, अन्ना-अन्ना चिल्लाते थे, विकास-विकास चिल्लाते थे। आज केजरीवाल चिल्ला रहे हैं जिन्ना-जिन्ना और यह चिल्लाते-चिल्लाते तुष्टिकरण इस हद तक कर दिया कि दिल्ली के मस्जिदों के इमाम को 18 हजार रुपये, सहायक को 16,000 हजार रुपये, 9,000 रुपये रख-रखाव के लिए दे रहे हैं। लेकिन थोड़ा सा भी दर्द नहीं हुआ कि इसी दिल्ली में जो मंदिरों के पुजारी हैं, उनके ऊपर इनकी इनायत नहीं हुई, इनकी नजरें नहीं खुली क्योंकि ये पुजारी वोट बैंक नहीं हैं। मस्जिद वोट बैंक है, मंदिर वोट बैंक नहीं है। इसीलिए इन्होंने तुष्टिकरण की हद कर दी और जिन्ना-जिन्ना चिल्ला रहे हैं।'