अक्सर आपने तेल से दीपक जलते हुए देखें होंगे, लेकिन क्या आपने पानी से दीपक जलते देखा है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले है जहां पर पानी से दीपक जलता है। बता दें कि यह मंदिर है गड़ियाघाट वाली माताजी का जो नलखेड़ा से 15 किमी दूर गाँव गाड़िया के पास पास कालीसिंध नदी के किनारे है। यहां भक्त दूर-दूर से मां के दर्शन करने आते है।
इस दीये में पानी डालने पर तरल चिपचिपा हो जाता है, जिससे दीपक लगातार जलता रहता है। आँखों के सामने पानी से दीपक की ज्योत देखकर उनकी भक्ति और श्रद्दा ओर बढ़ जाती है | मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी सिद्धूसिंह जी के अनुसार पहले मां के दरबार में हमेशा तेल का दीपक जला करता था।
कालीसिंध नदी के तट पर प्राचीन गड़ियाघाट वाली माताजी का मंदिर स्थित है। मंदिर के पुजारी ने कहा, इस मंदिर में पिछले पांच सालों से पानी से ज्योत जल रही है। यहा के पुजारी के अनुसार पहले माँ के मंदिर में हमेशा तेल का दीपक जलता था। एक दिन उन्हें सपने में माँ गड़ियाघाट ने दर्शन दिए और कहा की तुम अब से पानी से उनके दीप जलाओ।
देवी मां के आदेश अनुसार पुजारी ने जब पानी से दीपक जलाया तो वो जल उठा। बस माँ के इस चमत्कारी शक्ति से आज भी दीपक जलाने के लिए पानी का सहारा किया जाता है। दीपक में पानी पास की नदी में कालीसिंध नदी से लाया जाता है।