गोरखपुर
प्रदेश के 50 जिला अस्पताल में आउटसोर्सिंग के जरिए तैनात 5000 से अधिक कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। इन कर्मचारियों की संविदा 31 अक्तूबर को खत्म हो रही है। सेवा प्रदाता फर्म ने भी कर्मचारियों को नोटिस दे दिया है। नौकरी बचाने के लिए कर्मचारियों ने मंगलवार को सीएम के जनता दरबार में गुहार लगाई। हालांकि सीएम ने उनको कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। उत्तर प्रदेश हेल्थ स्ट्रेंथनिंग कार्यक्रम के तहत करीब पांच साल पहले सूबे के 50 जिला अस्पताल में 5000 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती हुई। इनमें स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, वार्ड आया, एक्सरे टेक्नीशियन, रजिस्ट्रेशन क्लर्क, ओटी टेक्नीशियन समेत एक दर्जन पद शामिल हैं। सभी कर्मचारी मुंबई की फर्म टीएनएम के जरिए तैनात हुए। यह अनुबंध 31 अक्तूबर को खत्म हो रहा है। अनुबंध बढ़ाने के टीएनएम के प्रस्ताव को शासन खारिज कर चुका है। नवीनीकरण का प्रस्ताव खारिज होने के बाद टीएनएम ने सभी कर्मचारियों को नोटिस दे दिया है। मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी आदित्यनाथ के पास पहुंचा। इसकी अगुवाई संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री बासुकी नाथ तिवारी ने की। कर्मचारियों ने नौकरी बचाने की गुहार सीएम से की।
कर्मचारियों की गुहार का सीएम पर कोई असर नहीं हुआ। सीएम ने दो टूक जवाब दिया। प्रदेश महामंत्री ने बताया कि सीएम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के अनुबंध की मियाद को बढ़ाने से इनकार कर दिया। सीएम ने साफ कहा कि संविदा विस्तार नहीं होगा। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री बासुकीनाथ तिवारी का कहना है कि हम पांच साल से अस्पताल में मरीजों की सेवा कर रहे हैं। अब सरकार एक झटके में हमें नौकरी से बाहर कर रही है। पांच हजार परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।
लखनऊ में आंदोलन करेंगे कर्मचारी
आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों की चिंता इसलिए भी बढ़ गई है कि शासन अब इन पदों पर नए सिरे से भर्ती की तैयारी कर रहा है। इसके लिए गाइडलाइन तैयार कर ली गई है। उधर, सीएम से ठोस आश्वासन न मिलने के बाद कर्मचारी अब आंदोलन के मूड में आ गए हैं। इस योजना के तहत जिला अस्पताल में 125 कर्मचारी तैनात हैं। मंगलवार को कर्मचारियों ने बैठक की। इसके बाद बुधवार से लखनऊ में आंदोलन करने का फैसला किया है। इसके लिए कर्मचारियों ने विभाग को नोटिस भी दे दिया है।