डार्क नेचर, वेदाउट फ्यूचर नाम की संस्था बनाई, पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने की बैठक
भोपाल. लगातार बढ़ रहे पर्यावरण के खतरे को देखते हुए शहर के युवाओं ने पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया है। शहर के युवाओं ने डार्क नेचर, वेदाउट फ्यूचर नाम की संस्था बनाई है। संस्था के माध्यम से लाखों लोग जुड़कर पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं। रविवार को संस्था विदाउट नेचर डार्क फ्यूचर संस्था की ओर से एमपी नगर जोन वन में बैठक आयोजित की गई। इसमें पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक और नष्ट होते पर्यावरण को बचाने के संबंध में चर्चा की गई। । संस्था का मुख्य उद्देश्य बढ़ते प्रदूषण से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण मानवता के पतन को रोकना है।
आने वाली पीढ़ी को भुगतना होगा खामियाजा
विदाउट नेचर डार्क फ्यूचर संस्था के फाउंडर और पर्यावरण एक्टिविस्ट विवेक उपाध्याय का कहना है कि जिस गति से प्रकृति संसाधनों का नाश हो रहा है, अगर आगे भी इसी गति से बढ़ता गया तो इसका खामियाजा हमारे आने वाले पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। विगत कुछ वर्षों में जिस तरह से जलवायु में परिवर्तन देखने को मिला है, वह वाकई मानव जाति को सोचने पर विवश कर दिया है।
भारत में समस्या गंभीर
उपाध्याय कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए दुनिया भर के वैज्ञानिक भी इसके समाधान में लग गए हैं। हालांकि, अभी तक इसका कोई खास समाधान नहीं निकल पाया है। भारत में हालात दिन प्रतिदिन गंभीर हो रहे हैं। संस्था के सदस्य विपिन तिवारी ने बताया कि हमारे देश में पर्यावरण की स्थिति गंभीर बनती जा रही है। पेड़ पौधों का लगातार कटना औऱ फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुंआ पर्यावरण को खतरे में डाल दिया है। समय रहते अगर हम नहीं सचेत हुए तो आने वाला समय विनाशकारी होगा।
एक पेड़ लगाने और देखभाल करने का लिया संकल्प
संस्था सदस्य अंकित चौबे ने दूषित हो रहे पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हर भारत के जिम्मेदार नागरिक को एक पेड़ लगाना चाहिए। बैठक में संस्था के कार्यकर्ताओं ने अपने जन्मदिन के अवसर पर एक पेड़ लगाने और पूरे साल पेड़ की देखभाल करने का संकल्प लिया। साथ ही प्रदेश ही नहीं देश भऱ से पर्यावरणविद और युवाओं को संस्था से जोड़कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित भाव से काम करने की बात कहीं गई। बैठक में विशाल कुमार, रजनीश तैयारी, अमन, श्रुति दीक्षित, राहुल तिवारी, सौरभ चौकसे, हर्ष वर्धन, सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।