लखनऊ
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार है तो वहीं इस फैसले से हिंदू-मुसलमानों के बीच की दूरी ना बढ़े इसकी भी कोशिश हो रही है. उत्तर प्रदेश के कई इलाके संवेदनशील हैं. अयोध्या पर फैसले के दौरान हिन्दू-मुस्लिम समाज के बीच किसी तरह की खाई पैदा न हो इसके लिए योगी सरकार पहल कर रही है.
5 मुस्लिम नेताओं से मिले मोहसिन रजा
बुधवार को योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने लखनऊ के तमाम मुस्लिम धर्मगुरुओं और समुदाय के बड़े नेताओं के घर-घर जाकर अयोध्या पर आने वाले फैसले के पहले शांति और सद्भावना की अपील की.
अदालत का फैसला स्वीकार होगा
सभी मौलानाओं ने कहा कि अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे हम मानेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी अपनी कौम के अलावा समाज के अन्य लोगों से भी अपील है कि फैसले के बाद वे किसी भी प्रकार का उत्तेजक व्यवहार न करें और न ही कोई विवादित नारा दें.
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि सरकार ने शांति व्यवस्था के लिए मोहसिन रजा ने जिन मौलानाओं से मुलाकात की है उनमें शियाधर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद, सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना सलमान हुसैन नदवी, शाहमीना शाह के ट्रस्टी मौलाना राशिद अली मीनाई और शियाधर्म गुरु मौलाना हमीदुल हशन के नाम प्रमुख हैं.
ये मौलाना देश के अलावा विदेशों में बसे भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय का मार्गदर्शन करते हैं. इनके अनुयायी करोड़ों की संख्या में है. उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस और प्रशासन शहर-शहर और थाने-थाने में दोनों समुदायों के लोगों को फैसले के पहले आपस में बिठाकर सहयोग की अपील कर रहा है. पुलिस ने दोनों समुदाय के लोगों को किसी भी तरह के भड़काऊ और आपत्तिजनक नारों, सोशल मीडिया के पोस्ट आदि से दूर रहने की हिदायत भी दी है.