छत्तीसगढ़

मोर जमीन-मोर मकान योजना से 11 माह में बने 40 हजार मकान

रायपुर
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी के जरिए बताया कि जब हमने सरकार की बागडोर सम्हाली तब प्रदेश में मोर जमीन-मोर मकान योजना के तहत सिर्फ 8 हजार मकान बने थे, जबकि 11 महीने में 40 हजार मकान बन गए। हमने राजीव गांधी आश्रय योजना का आगाज किया और कानून में संशोधन किया ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को उनके नाम से पट्टा मिले, नियमितीकरण हो। इस योजना का लाभ एक लाख लोगों को मिलेगा। आबादी पट्टों का वितरण होने लगा है। किफायती आवास योजना के तहत 1250 करोड़ रू. की लागत से लगभग 29 हजार नवीन आवासों की मंजूरी दी गई है। वर्ष 2022 तक सभी आवासहीनों को आवास उपलब्ध करा देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों तक पहुंचना, हताश और निराश लोगों तक पहुंचना, परेशान लोगों तक पहुंचना, बीमार लोगों तक पहुंचना, कुपोषित माताओं, बहनों, बच्चों तक पहुंचना सरकार का काम है। शहरी बस्तियों के लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए इतने व्यस्त रहते हैं कि अपनी बीमारियों की अनदेखी करते हैं। इसलिए हमने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य केन्द्रों तथा अन्य शासकीय योजनाओं के माध्यम से यह तय किया कि शहरी बस्तियों के लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते तो अस्पताल उनके घर के पास पहुंच जाए। मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालयों और मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य केन्द्रों में अब उत्साह का वातावरण है।

राज्योत्सव में छत्तीसगढि?ा कलाकारों ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान-मुख्यमंत्री ने कहा कि साइंस कॉलेज के मैदान में जिस तरह विशाल जनसमुद्र उमड़ा, उसने हमारे हर फैसले पर मुहर लगा दी है। जहां तक उपलब्धि का सवाल है, तो तीन प्रमुख उपलब्धियां हैं। पहली उपलब्धि कि हमने अपने लक्ष्य के अनुरूप नई उद्योग नीति 2019-2024 जारी कर दी है। दूसरी उपलब्धि छत्तीसगढि?ा कलाकारों की प्रतिभा ने यह साबित कर दिया है कि उनके कार्यक्रम किसी सेलीब्रिटी के मोहताज नहीं और तीसरी उपलब्धि कि छत्तीसगढ़ को अपना राज्यगान मिल गया। छत्तीसगढ़ के महान जनकवि डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा ने जब अरपा-पैरी के धार-महानदी हे अपार…. गीत की रचना की थी, तब उन्हें पता नहीं था कि यह गीत कैसे-कैसे जन-जन की जुबान में चढ़ेगा और एक दिन ऐसा आएगा कि स्वयं यह गीत राज्य गीत का गौरव पाएगा।

 

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