मुंबई
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 'साथ मिलकर काम' करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। पवार ने सोमवार को एक मराठी टीवी चैनल को साक्षात्कार में यह दावा किया।
पवार ने कहा, ‘मोदी ने मुझे साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था। मैंने उनसे कहा कि हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं और वे हमेशा रहेंगे लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है।’ पवार ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा,‘लेकिन, मोदी नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया सुले को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था।’
कई मौकों पर शरद पवार की तारीफ कर चुके हैं पीएम मोदी
सुप्रिया सुले, पवार की बेटी हैं और पुणे जिला में बारामती से लोकसभा सदस्य हैं। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच पवार ने पिछले महीने मोदी से मुलाकात की थी। मोदी कई मौके पर पवार की तारीफ कर चुके हैं। पिछले दिनों मोदी ने कहा था कि संसदीय नियमों का पालन कैसे किया जाता है, इस बारे में सभी दलों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से सीखना चाहिए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा से शरद पवार की तारीफ की है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के वक्त भी पीएम ने पवार के खिलाफ हमलावर रूख ना अपनाया जाए, इसका हमेशा ख्याल रखा। 2016 में पुणे के वसंतदादा सुगर इंस्टिट्यूट में पवार के निमंत्रण पर पहुंचे पीएम ने तारीफ करते हुए एनसीपी चीफ को सार्वजनिक जीवन में एक उदाहरण बताया था। उस वक्त पीएम ने कहा था, 'शरद पवार के प्रति मेरे मन में श्रद्धा है। मैं उस वक्त गुजरात का मुख्यमंत्री था। उन्होंने मेरी ऊंगली पकड़कर चलने में मदद की है। सार्वजनिक तौर पर मुझे यह बताने में गर्व महसूस हो रहा है।'
शरद ने यह भी कहा कि उद्धव की अगुवाई वाली सरकार में अजित को शपथ नहीं दिलाना एक 'सोचा-समझा फैसला' था। अजित ने इससे पहले अचानक से बीजेपी को सपॉर्ट कर देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री बनवा दिया और खुद उपमुख्यमंत्री बन गए थे। हालांकि इसके तीन दिनों के बाद ही अजित ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद फड़णवीस को भी छोड़ना पड़ा। इसके बाद राज्य में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के सपॉर्ट से सरकार बना लिया।