भागलपुर
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) विनोद कुमार तिवारी ने मंगलवार को शाहकुंड थाने के रसुल्ला गांव में हुई मॉब लिंचिंग में आठ आरोपियों को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही अभियुक्तों को 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
शाहकुंड थाना क्षेत्र के रसुल्ला गांव में छह जनवरी, 2017 की सुबह चोरी के आरोप में उमेश मंडल के पुत्र नंदकिशोर मंडल (18) को पीट-पीटकर अधमरा कर बागीचे में फेंक दिया गया था। गंभीर स्थिति में नंदकिशोर को शाहकुंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया था लेकिन हालत गंभीर देख डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया था। इलाज के दौरान दिन के करीब 11 बजे नंदकिशोर ने दम तोड़ दिया था।
इस मामले में नंदकिशोर के पिता उमेश मंडल के बयान पर आठ लोग चन्द्रशेखर मंडल, गणेश मंडल, सुनील मंडल, मृत्युंजय मंडल, पंकज मंडल, फुचुल मंडल, दीपक मंडल और कार्तिक मंडल को आरोपी बनाया गया था। पुलिस जांच में सभी आरोपियों को दोषी पाकर 22 फरवरी, 2017 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार घटना की सुबह करीब तीन बजे नंदकिशोर को पढ़ने के लिए जगाने गए तो वह बिस्तर पर नहीं था।
घर के बाहर खोजबीन की गई। इसी दौरान चन्द्रशेखर मंडल के घर की ओर से शोर सुनाई पड़ा। बेटा श्यामसुंदर मंडल के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां पर आरोपियों द्वारा बेटे को डंडे से पीटा जा रहा था। घटना का कारण है कि पंचायत चुनाव को लेकर आरोपियों से विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के कारण बेटे को घर से बुलाकर हत्या कर दी गई।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को भीड़ द्वारा हत्या करने का दोषी पाया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता उत्तम कुमार पांडे ने कोर्ट से प्रथम अपराध को देखते हुए राहत देने की मांग की लेकिन सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक काशीनाथ मिश्रा ने पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में ज्यादा से ज्यादा सजा देने की मांग की। कोर्ट ने उम्रकैद के साथ धारा 148 में एक-एक साल की सजा सुनाई।