मुंबई
महाराष्ट्र में अभी सरकार बनी नहीं है, इस बीच अब चर्चाएं मुंबई में मेयर पद के चुनाव को लेकर होने लगी हैं. ब्रेकअप के बाद यह बीजेपी और शिवसेना, दोनों ही दलों के लिए पहली परीक्षा है. मुंबई में मेयर का चुनाव 22 नवंबर को है. इस बीच एनसीपी ने कहा है कि मेयर चुनाव में अगर शिवसेना चाहेगी तो एनसीपी उसे समर्थन करने को तैयार है, क्योंकि शिवसेना ने बीजेपी से सारे रिश्ते तोड़ लिए हैं.
मुंबई मेयर चुनाव की हलचल
बता दें कि मुंबई में ढाई-ढाई साल के अंतराल में मेयर चुना जाता है. इससे पहले पहले फरवरी 2017 में बीजेपी के समर्थन से शिवसेना के उम्मीदवार विश्वनाथ महादेश्वर ने जीत हासिल की थी और मुंबई के मेयर बने थे. विश्वनाथ महादेश्वर का कार्यकाल सितंबर 2019 में समाप्त हो रहा था. लेकिन विधानसभा चुनाव की वजह से उनका कार्यकाल नवंबर तक बढ़ा दिया गया था, अब वहां मेयर का चुनाव हो रहा है.
बीएमसी के पिछले चुनाव में शिवसेना के 84 पार्षद चुनाव जीते थे, जबकि बीजेपी के 82 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. कांग्रेस के 31 पार्षद जीते थे जबकि एनसीपी के 7 और समाजवादी पार्टी के 6 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. बाद में 6 निर्दलीय पार्षद शिवसेना में शामिल हो गए थे.
मुंबई में नागरिक सुविधाओं का जिम्मा संभालने वाली बीएमसी का मेयर काफी प्रभावशाली पद होता है. इस नगर निगम का बजट कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा होता है. लिहाजा ये पद काफी पावरफुल माना जाता है. साल 2019-20 के लिए बीएमसी का बजट 30,692 रुपये था.
एनसीपी ने किया समर्थन का ऐलान
अब इस पद पर शिवसेना फिर से कब्जा रखना चाहती है. शिवसेना का 1996 से ही इस पद पर कब्जा रहा है. इस बीच एनसीपी ने ये कहकर शिवसेना को ग्रीन सिग्नल दे दिया है कि अगर शिवसेना चाहेगी तो वो उसे मेयर पद के लिए समर्थन देने को तैयार है. हालांकि, बीजेपी ने इस मसले पर अभी तक अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है.