सागर
स्वामी विवेकानंद विष्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी -दिनाँक 22 नवम्बर 2019 को स्वामी विवेकानंद के मेकेनिकल विभाग द्वारा EMERGING TRENDS IN MECHINICHAL ENGINEERING विषय का आयोजन हुआ। दीप प्रज्ज्वलन में डाॅ. सुकदेव के स्वास्ति वाचन के साथ पूजन सम्पन्न हुआ। स्वागत भाशण देते हुए डाॅ. राजेष दुबे ने कहा-‘‘ट्रैंड क्या है? पाठ्यक्रम के अनुसार क्या होना चाहिए? हमें क्या-क्या बदलाव लाना चाहिए। बाजारवाद में तकनीकी उपादेयता क्या है? उसका नवीनतम अनुसंधान क्या है? और क्या होना चाहिए। आपने उद्योग 4.0 क्या है, का भी उदाहरण प्रस्तुत किया और कहा कि आवष्यकता है कि हम सबके विशय में जानें।संगोश्ठी का औचित्य मेकेनिकल विभाग के श्री राम विष्वकर्मा ने प्रस्तुत किया। अधिश्ठाता डाॅ. षैलेन्द्र पाटिल ने थ्री डी प्रिंटिंग तकनीकी एवं बायो मेडीकल की प्रगति का वर्णन किया। आपने कहा- तकनीकी अनुसंधान से भेशज विषेशज्ञ लैप्रोस्कोपी प्रक्रिया से षैल्य क्रिया कर रहे हैं। आपने रोवेटिक सर्जरी और तकनीकी विशय भी विस्तार से रखा।
इन्द्रागांधी इंजीनियरिंग काॅलेज से पधारे डाॅ. आषीश खरे ने एन. इन्टीग्रेटेड हाई स्पीड पाॅवर सिस्टम डिजाइन फाॅर ग्रीट कनेक्टेड विथ पी.बी. सिस्टम की टेक्नोलाॅजी को और उसके मेकेनिकल षोध को हमें अपनाना चाहिए जिससे हम अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर अपने विचारों को पहुँचा सकें ऐसा छात्रों को उद्बोधन देते हुए कहा। स्वामी विवेकानंद विष्वविद्यालय सागर के पूर्व निदेषक डाॅ. अजीत खनूजा ने अपने संस्मरण मेकेनिकल इंजीनियरिंग के सुनाए। प्रबंध निदेषक डाॅ. अनिल तिवारी ने कहा- कि हम अधिक नहीं केवल यातायात के क्षेत्र को देखें तो अधिक से अधिक एनर्जी बचाने के लिए छोट-छोटे बिन्दुओं पर विचार हो रहा है। आज का अनुसंधान वर्तमान में उसकी आवष्यकता तथा भविश्य में परिवर्तन को दृश्टिगत करते हुए अनुसंधान करना ही श्रेयस्कर होता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण चार पहिया कारों में निरंतर होता बदलाव है।
मुख्य वक्ता डाॅ. सी.एस. मालवीय जो ग्वालियर से पधारे थे आपने कहा कि-सोलर लाइट, सोलर सिस्टम पैराबोलिक सोलर कुकर, एवं सोलर वाटर हीटर की क्या उपयोगिता है यह देखने पर पता चलता है कि इसकी संख्यात्मक उपादेयता बढ़ गयी है टच मोबाइल भी सोलर के कारण चलता है। आज प्राइवेट सेक्टर में 13000000 जाॅब उपलब्ध हैं लकड़ी, गोबर और बुरादे से ईंट बनाई जा सकती है। आवष्यकता है कि हम अपने आसपास की चीजों को प्रयोग करना सीखें और उसको तकनीकि से उत्कृष्ट बनाऐं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलाधिपति डाॅ. अजय तिवारी ने बताया कि- मेकेनिकल ट्रेंड न केवल षैक्षिक, जगत में वरन् चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपना अधिपत्य जमा चुका हैं और तकनीकि के सभी क्षेत्र एक दूसरे से जुड़े हुए हैं क्योंकि वह विज्ञान के अनुसंधानों का प्रयोग व्यवहारिक जीवन को संभव बनाता है। परमाणुु द्वारा ऊर्जा का सृजन कर मानव जीवन को प्रकाशित करता है। प्रौद्योगिकी अपने प्रयोग के विस्तार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को सहज रूप से नगरों में परिवर्तित करने की भूमिका निभा रहा है।
इससे सर्वाधिक संपत्ति का सृजन किया जा सकता है बशर्ते इसका प्रयोग सही दिशा में किया जाये। आज मेकेनिकल षिक्षा ने स्वास्थ्य कृशि, उद्योग, सुरक्षा, अधोसंरचना एवं दैनिक जीवन के क्रियाकलापों प्रभावित किया है। मेकेनिकल विभाग के सप्तम सेमेस्टर के श्री अंकितकुमार पटेल एवं श्री हिमांषु सूर्यवंषी ने हाईड्रोजन एवं ग्रीन टेक्नोलाॅजी तथा टर्बो चार्जर पर विशय रखा। मंच संचालन श्री नेहा दुबे ने किया आभार श्री रवीन्द्र के द्वारा प्रस्तुत किया गया। विभाग के सभी प्राध्यापक, छात्र उपस्थित रहे।