मुजफ्फरपुर
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रवक्ता वारिस पठान ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में हुई सभा के दौरान विवादित बयान दिया था. पठान के इस बयान पर जारी सियासी घमासान के बीच अब मुस्लिम संगठन भी खुलकर उनके खिलाफ आ गए हैं.
शुक्रवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में कंपनी बाग रोड में कुछ हिंदू और मुस्लिम संगठनों ने पठान के खिलाफ प्रदर्शन किया. पठान के बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है. मुजफ्फरपुर के एक अल्पसंख्यक सामाजिक संगठन ने वारिस पठान का सिर कलम करने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा नाम के सामाजिक संगठन के संयोजक तमन्ना हाशमी ने पठान के बयान की कड़ी निंदा करते हुए देश विरोधी बताया.
इससे पहले पठान के पोस्टर के साथ लोगों ने रैली निकाली. विरोध स्वरूप लोगों ने पोस्टर पर लगी पठान की तस्वीर को जूते मारे और उसे जलाया. लोगों ने पठान के बयान को देश विरोधी बताया और कड़ी आलोचना की. गौरतलब है कि बिहार, हैदराबाद और महाराष्ट्र के बाद एक मात्र ऐसा राज्य है जहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का अस्तित्व है. ओवैसी की पार्टी ने कुछ महीने पहले सूबे की किशनगंज विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव जीतने में सफल रही थी.
किशनगंज सीट पर जीत से उत्साहित एआईएमआईएम ने इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. ऐसे में वारिस पठान के बयान से पार्टी को नुकसान हो सकता है. बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में पठान ने कहा था कि हम 15 करोड़ हैं, लेकिन 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे. पठान ने यह बयान कर्नाटक के गुलबर्ग में सीएए विरोधी एक जनसभा में दिया.