लखनऊ
समाजवादी पार्टी महंगाई व कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरती रही है। पर, वह आजम खां के सवाल पर सड़क पर उतरने को फिलहाल तैयार नहीं नज़र आ रही है।
मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि आजम खां पर दर्ज हो रहे मुकदमों के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश भर में आंदोलन करें। पर पार्टी में इस मुद्दे पर अभी खामोशी है। वैसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी के नेता आजम खां पर मुकदमे दर्ज कराने के विरोध में बयान जारी कर चुके हैं। यही नहीं रामपुर में प्रशासन द्वारा निर्माण गिराने के मामले की जांच के लिए प्रतिनिधिमंडल भेज चुके हैं। अखिलेश यादव संसद में भी आजम खां के बचाव में उतर चुके हैं। सूत्र बताते हैं इसके बावजूद सपा एक सीमा से ज्यादा आजम खां के मामले में आगे नहीं जाना चाहती हैं।
यही कारण है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा आजम खां के समर्थन में प्रेस कांफ्रेंस करने व कार्यकर्ताओं के सड़क पर उतरने की अपील के वाबजूद कार्यकर्ता सड़क पर नहीं आए। बताया जा रहा है कि इस मामले में सपा की ओर से कोई संकेत नहीं मिला है। इसलिए पार्टी ने कार्यकर्ताओं के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। यही कारण है कि सपा के वरिष्ठ नेता इस मामले में चुप्पी साधे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जब मुलायम सिंह यादव ने सपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की थी तो उनके साथ सपा का कोई वरिष्ठ नेता नहीं आया। आजम खां पर जमीन कब्जे से लेकर किताबें व भैंस चोरी जैसे मामलों में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी केवल आजम खां के मुद्दे पर कोई आंदोलन नहीं करना चाहती है।
अगर ऐसा किया गया तो भाजपा इसे दूसरा रंग देकर फायदा उठाने की कोशिश करेगी। पार्टी इसके बजाए तमाम मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने के लिए समय-समय पर आंदोलन करती रही है। इस बाबत सपा के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष ही तय करेंगे। जहां तक इस मामले की बात है कि हम लोग इस नाइंसाफी के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन दे चुके हैं।