कानपुर
सरकारी मदद मिली तो बेरोजगार हाथों को काम मिल गया। मुफलिसी में गुजारा कर रहे परिवार की जिंदगी की गाड़ी चल पड़ी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन लिया और खोल लिया मोदी जी पकौड़ा भंडार। छोटे से कारोबार से प्रफुल्लित कानपुर के अंशनी कश्यप की दुकान सुबह होते ही सज जाती है। परमट घाट पर रहने वाले अंशनी के पिता श्रीराम हरदोई के मल्लावां से रोजगार की तलाश में कानपुर आए थे और परमट में बस गए।
श्रीराम फूलों की सजावट का काम करते हैं। नौ बच्चों का परिवार होने की वजह से उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा था। बड़े बेटे अंशनी उनका हाथ बंटाने लगे फिर भी पूरा नहीं पड़ पाता था। ठेकेदार के अंडर में बिल्डिंग निर्माण के लिए शटरिंग का काम शुरू किया। इससे भी फायदा नहीं हुआ तो अपना काम शुरू करने के बारे में सोचा। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में पता किया और झट से आवेदन कर दिया। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से शटरिंग कारोबार के लिए एक लाख रुपये का लोन स्वीकृत भी हो गया।
शटरिंग का काम तो शुरू कर दिया पर इससे कुछ पैसा बच गया तो चाय-नाश्ते का ठेला लगा लिया और इसका नाम रख दिया मोदी जी पकौड़ा भंडार। अंशनी के मुताबिक रोजाना सुबह 7 बजे ठेला लग जाता है। गंगा का किनारा और बाबा आनंदेश्वर का मंदिर होने के चलते लोगों का आना-जाना रहता है और उनकी दुकान पर भीड़ लग जाती है। सुबह अंशनी दुकान खोलते हैं और दिन में उनकी मां मंजू मदद करती हैं।
अतिरिक्त खर्च निकलने लगा
अंशनी बताते हैं कि ब्रेड, मिर्च पकौड़ा और चाय बेचने से औसतन रोज 400 से 500 रुपये की कमाई हो जाती है। मेला, तीज त्योहार में रोज 2000 रुपये तक मिल जाते हैं। सावन में तो 24 घंटे ठेला चलता है। इससे घर के ऊपरी खर्च पूरे हो जाते हैं।
खाली हाथ को काम मिल गया
उनका कहना है कि ठेला लगाने से घर के दूसरे लोगों को भी काम मिल गया। मां दिन में खाली रहती थीं, अब उनका समय कटने संग खर्च भी निकल आता है। भाई-बहन छोटे हैं और पढ़ाई कर रहे हैं, कम से कम उनके खर्चे के लिए तो दिक्कत नहीं होगी।