इस्लामाबाद
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने एक और टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिया गया है. हाफिज सईद जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा जैसे कई संगठनों का चीफ है और भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है. उसके खिलाफ करीब दो दर्जन आतंकी फंडिंग केस चल रहे हैं.
पाकिस्तान की लाहौर स्थित एक एंटी टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) में हाफिज सईद और उसके संगठन से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा शुरू किया गया था. हाफिज सईद के खिलाफ टेरर फंडिंग का यह दूसरा मामला है जिसमें वह दोषी पाया गया है. हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने केस दर्ज किया था.
कई आतंकी संगठन चलाने का आरोप
इसके पहले हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के एक और केस में दोषी ठहराया जा चुका है. उस पर अवैध फंडिंग के जरिये कई आतंकी संगठन चलाने का आरोप है. हाफिज सईद और उसका सहयोगी अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ करीब दो दर्जन केस चल रहे हैं. सईद और उसके गुर्गों पर एंटी टेररिज्म एक्ट 1997 के तहत आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं.
ये सभी केस पंजाब प्रांत में दर्ज किये गए हैं जिनमें आरोप हैं कि वह भारी मात्रा में अवैध फंड के जरिये कई चैरिटी संगठन चलाता है और इन संगठनों की आड़ में आतंकवाद की फैक्ट्री चलती है.
इस साल अप्रैल में इन संगठनों के तार हाफिज सईद से जुड़े होने का मामला सामने आया जिसके बाद इन्हें बैन कर दिया गया. इसके बाद हाफिज सईद के खिलाफ जुलाई में गुजरांवाला, मुल्तान, फैसलाबाद और सरगोधा में कुल मिलाकर 23 एफआईआर दर्ज की गई थी.
कई ठिकाने हुए थे सीज
जमात-उद-दावा से जुड़े आमिर हमजा, मोहम्मद याह्या अजीज, मोहम्मद नईम, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, डॉ अहमद दाउद, डॉ मोहम्मद अयूब, अब्दुल्लाह ओबैद, मोहम्मद अली, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल गफ्फार समेत कई लोगों को इन मामलों में नामजद किया गया है. काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने हाफिज से जुड़े संगठनों की संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया था और इसके कई ठिकानों को सीज कर दिया था.
माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ये मौजूदा कार्रवाइयां यह सुनिश्चित करने के मकसद से हैं कि वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्ययोजना का पालन करता है और फरवरी 2020 मे होने वाली समीक्षा के दौरान वह संदिग्ध सूची से बाहर होगा.