मानव शृंखला 2020: आज फिर इतिहास रचेगा बिहार

पटना                                                                                             
‘अंगुलियां जुड़ें तो मुट्ठी बने / हाथ जुड़े तो साथ बने / हर बुराई दूर भाग चले / सुंदर बिहार की आस जगे’। -जी हां, आज फिर बिहार इतिहास रचेगा। तीसरी बार मानव शृंखला बनाकर। राज्यभर में 11.30 बजे से 12 बजे तक लोग मानव कतार बनायेंगे। पर्यावरण संरक्षण को लेकर जन जागरूकता के लिए यह संभवत: दुनिया की सबसे बड़ी मानव शृंखला होगी। राज्य सरकार की ओर से शृंखला के नोडल शिक्षा विभाग के साथ ही सभी जिलों ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं। 

जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, दहेज व बाल विवाह उन्मूलन के समर्थन में बिहार के सभी मुख्यमार्ग, उप मार्गों पर शृंखला का कुल लक्ष्य 16,351 किलोमीटर है। इसमें मुख्यमार्ग की लंबाई 5,052 किलोमीटर और उपमार्ग की लंबाई 11,299 किलोमीटर होगी। मानव श्रृंखला में राज्य की कुल आबादी का एक तिहाई से अधिक 4 करोड़ 27 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। शनिवार को जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक शृंखला की कुल लंबाई में और इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 16419 किमी हो गयी है। लोगों की भागीदारी को लेकर ठोस रणनीति बनायी गयी है। हर एक किमी में करीब दो हजार लोग हाथों में हाथ थामकर खड़े होंगी। ये दो हजार कौन होंगे, उसकी भी सूची बनायी गयी है। 

अनुमानित प्रतिभागियों की संख्या लगभग दो हजार व्यक्ति प्रति किलोमीटर मुताबिक 3 करोड़ 27 लाख की संख्या होगी तथा राज्य के सभी एक लाख 14 हजार वार्डों में सो-सो लोगों की मानव शृंखला बनेगी और इसमें 1 करोड़ 14 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। शृंखला को लेकर राज्यभर में व्यापक इंतजाम किये गये हैं। मार्ग के बायीं ओर खड़ा होने के लिये स्थान को चिहिन्त किया जा रहा है। प्रति किलोमीटर पर पेयजल, मार्ग के बीच-बीच में एम्बुलेंस और सुरक्षा की उचित व्यवस्था होगी। ड्रोन, मोटरसाइकिल और हेलीकाप्टर के सहारे इसका छायांकन होगा।

सभी जिलों में जबर्दस्त उत्साह 
शिक्षा विभाग में माध्यमिक शिक्षा निदेशक के नेतृत्व में नियंत्रण कक्ष शनिवार को सुबह से लेकर देर शाम तक कार्यरत रहा। सभी 38 जिलों के डीएम ने अपने यहां की तैयारियों की जानकारी दी। शोध प्रशिक्षण निदेशक विनोदानंद झा ने बताया कि सभी जगह जबर्दस्त उत्साह है। बिहार के लोग शृंखला बनाने के लिए ‘रेडी-शेडी-गो’ के पहले के भाव में आ चुके हैं। 

प्रत्येक 10 किलोमीटर पर तैनात रहेगा एंबुलेंस
जल-जीवन-हरियाली को लेकर मानव शृंखला के निर्माण के दौरान प्रत्येक 10 किलोमीटर की दूरी पर एक एंबुलेंस तैनात रहेगा। स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था को एलर्ट कर दिया है। अस्पताल में इमरजेंसी में इलाज व दवा इत्यादि की संपूर्ण व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।  

राज्यभर में चला डोर-टू-डोर कैम्पेन 
शृंखला निर्माण से एक दिन पूर्व शनिवार को राज्यभर में जनसम्पर्क अभियान चलाया। सरकारी तथा निजी विद्यालयों के बच्चे, शिक्षक, सरकारी कर्मी, शिक्षा सेवक, रसोइया, जीविका दीदी, आशा कार्यकर्ता, सामाजकि कार्यकर्ताओं ने आम नागरिकों से घर-घर जाकर शृंखला में शामिल होने का आग्रह किया। 

अपना ही रेकार्ड तोड़ने का मौका 
वर्ष 2017 में नशामुक्ति के पक्ष में पहली बार व्यापक मानव शृंखला बनी थी। 12760 किमी दूरी और करीब 4 करोड़ लोगों की सहभागिता वाली यह शृंखला दुनिया की सबसे बड़ी मानव कतार के रूप में लिम्बा बुक ऑफ रेकार्ड में दर्ज हुई। 2018 में दहेज व बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ 14080 किमी की मानव शृंखला में 3.80 करोड़ बिहारवासी शामिल हुए। अबकी सबसे लम्बी 16419 किमी की मानव शृंखला में अगर 4.27 करोड़ लोग सहभागी बनी तो बिहार दूरी और भागीदारी दोनों में अपना ही रेकार्ड तोड़ेगा। 

गांधी मैदान में सीएम संग रहेंगे यूएन प्रतिनिधि 
मानव शृंखला पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से चारों दिशाओं में निकलकर राज्यभर के सभी जिलों को जोड़ेगी। गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विस अध्यक्ष विजय चौधरी, विप के कार्यकारी सभापति हारुन रशीद के अलावा राज्य के अन्य प्रमुख गणमान्य तो होंगे ही, विशिष्ट अतिथि के तौर पर यूएन मानव शृंखला में यूनाइटेड नेशन के इन्वायरमेंट प्रोग्राम के कन्ट्री प्रमुख अतुल बगाई और जलपुरुष राजेन्द्र सिंह भी मानव कतार का हिस्सा बनेंगे। 

‘हमें नई पीढ़ी को ऐसा बिहार सौंपना है जहां जल जीवन हरियाली हो। ऐसा बिहार जो नशामुक्त हो और ऐसा बिहार जो बाल विवाह, दहेज जैसी कुरीतियों से मुक्त हो। तो आइए, हम अपने लिए, अपने बच्चों एवं भावी पीढ़ी के लिए आज 11.30 से 12 बजे तक हाथों में हाथ थामकर एक नया कीर्तिमान स्थवपित करें। याद रखें-जल जीवन हरियाली, तभी होगी खुशहाली’। -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार (जनता के नाम अपील का अंश)

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