मध्य प्रदेश

महिला आरोपियों के नेताओं-अफसरों से करोड़ों का लेनदेन! आयकर विभाग ने मांगा डीटेल

भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के बहुचर्चित हनीट्रैप (honey trap) मामले में आयकर विभाग (income tax deparment) ने जांच करने वाली SIT से महिला आरोपियों के वित्तीय लेन-देन की जानकारी मांगी है. जो सबूत और जांच में जानकारी मिली है उसके मुताबिक महिला आरोपियों से एमपी सहित अन्य राज्यों के नेताओं और अफसरों से करोड़ों के लेनदेन के संकेत मिले हैं. आयकर विभाग इसी की जांच करना चाहता है. लेकिन SIT का कहना है हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही आयकर विभाग को ये जानकारी दी जा सकती है.

इस संबंध में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक आयकर विभाग की इनवेस्टिगेशन विंग ने हनी ट्रैप केस के खुलासे के बाद सितंबर में SIT को पत्र लिखकर आरोपी महिलाओं के वित्तीय लेनदेन की जानकारी मांगी थी. सितंबर में जब कोई विस्तार से जानकारी नहीं दी गई तो नवंबर में एसआईटी को फिर चिट्ठी लिखी गई. लेकिन 2 महीने के बाद भी आयकर विभाग के पास जानकारी नहीं पहुंची है.

सूत्रों ने बताया कि आरोपी महिलाओं के पास जो दस्तावेज़ और डायरी मिली थी उसमें नेताओं और अफसरों से हुए करोड़ों के लेनदेन की जानकारी है. भोपाल की आरोपी महिला के बैंक लॉकर से 47 लाख रुपए नगद भी बरामद हुए थे. जब एसआईटी ने लॉकर खोले तब आयकर विभाग की टीम साथ नहीं थी. गोवा में दो करोड़ रुपए और छत्तीसगढ़ के दो नेताओं से 7 करोड़ के लेनदेन की बात सामने आई थी. इसी तरह मध्यप्रदेश के साथ दूसरे राज्यों के नेताओं और अफसरों के साथ करोड़ों के लेन-देन की भी चर्चा थी. इन्हीं तमाम जानकारी को आयकर विभाग ने एसआईटी से मांगा था.

एसआईटी का कहना है जितनी नगद राशि आरोपियों से बरामद हुई थी उसकी जानकारी आयकर विभाग को दे दी गई है. आयकर विभाग लेनदेन के स्टेटमेंट चाहता है, जो बिना हाईकोर्ट के आदेश के नहीं दिए जा सकते क्योंकि मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में हो रही है.

SIT के आला अधिकारियों का कहना है अभी तक जितना कैश आरोपियों से बरामद किया गया है, उसकी जानकारी आयकर विभाग को दे दी गई. जो वित्तीय लेनदेन के दस्तावेज हमारे पास मौजूद हैं, उनकी जांच की जा रही है. केस की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में चल रही है, इसलिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही आयकर विभाग को बाकी जानकारी दी जाएंगी.

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