नई दिल्ली/मुंबई
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार बनाने में रुकावट बने मुद्दों का हल निकालने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगे आए हैं। शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व के साथ मोलभाव के निपटारे के लिए शाह बुधवार को मुंबई जा सकते हैं। अगर शाह का दौरा होता है तो वह बीजेपी के विधायक दल की बैठक में भी मौजूद होंगे जिसमें देवेन्द्र फडणवीस को औपचारिक तौर पर पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुना जा सकता है। राज्य के 15 निर्दलीय विधायकों में से अधिकतर ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया है। इन विधायकों में से कई बीजेपी के बागी हैं।
बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी गतिरोध सोमवार को समाप्त होता दिखा जब फड़नवीस और शिवसेना के नेता दिवाकर राउते ने राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मुलाकात की। हालांकि, दोनों नेताओं का कहना था कि यह मुलाकात राजनीतिक नहीं थी और वे राज्यपाल को दिवाली पर बधाई देने गए थे।
शिवसेना मुख्यमंत्री के पद पर भी दावा कर रही है और उसका कहना है कि प्रत्येक पार्टी को ढाई वर्ष के लिए यह पद मिलना चाहिए। बीजेपी को इस प्रपोजल पर आपत्ति है। हालांकि, ऐसे संकेत हैं कि बीजेपी उप मुख्यमंत्री का पद शिव सेना को देने के लिए तैयार है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स से कहा, 'शिवसेना चाहे जो भी दावा करे, चुनाव से पहले 50-50 के फॉर्मूला पर बातचीत नहीं हुई थी। सीट शेयरिंग पर चर्चा के दौरान भी यह मुद्दा नहीं उठा था। यह बीजेपी को स्वीकार्य नहीं है।'
बीजेपी के एक अन्य नेता का कहना था, 'अगर वे आदित्य ठाकरे को उप मुख्यमंत्री बनाते हैं तो हमारी ओर से एक और उप मुख्यमंत्री हो सकता है।' राज्य की पिछली सरकार में शिव सेना के पास कोई महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो नहीं था और इस बार बीजेपी उसे कुछ बड़े मंत्रालय दे सकती है। राज्य की होम मिनिस्ट्री को लेकर खींचतान हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए गत 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। एनडीए के घटक दलों में से बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और शिवसेना को 56 सीट मिली हैं।