मुंबई
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद मलयेशिया ने पाकिस्तान का साथ देते हुए भारत सरकार के इस कदम की आलोचना की थी। अब इसके जवाब में भारतीय ट्रेडर्स ने मलयेशिया से पाम ऑइल खरीदना और उसका आयात करना बंद कर दिया है।
वेजिटेबल ऑइल इंडस्ट्री और ट्रेड की एक संस्था सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स असोसिएशन (एसईए) ने ट्रेडर्स के लिए एक बयान जारी करते हुए कहा, 'अपने खुद के लाभ के साथ ही अपने देश के साथ एकजुटता दिखाते हुए हमें कुछ समय के लिए मलयेशिया से पाम ऑइल खरीदना बंद कर देना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आप हमारी सलाह मानेंगे।' ट्रेडर्स ने यह भी कहा है कि अब वे कोई नया कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं कर रहे हैं।
एसईए के एक्जिक्युटिव डायरेक्टर बी.वी. मेहता ने कहा कि यह फैसला देशहित में लिया गया है। उन्होंने कहा, 'ट्रेडर्स के बीच अनिश्चितता का माहौल है और हमने उनसे कहा है कि जब तक इस मुद्दे पर कुछ स्पष्ट न हो वे नई बिजनस डील्स और कॉन्ट्रैक्ट साइन न करें।' असोसिएशन ने कहा है कि यह कदम मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा छीने जाने का विरोध किए जाने के बाद लिया गया है।
हालांकि सरकार ने असोसिएशन के इस कदम से दूरी बना ली है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'इस कदम में सरकार की कोई भूमिका नहीं है और शायद ट्रेडर्स को कश्मीर मुद्दे पर मलयेशिया की आलोचना पसंद नहीं आई है।'
हालांकि एसईए ने कहा, 'हमारी सरकार को मलयेशिया के प्रधानमंत्री का बयान ठीक नहीं लगा है और इसलिए विरोधस्वरूप यह कदम उठा रहे हैं। जब तक सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर कुछ सफाई नहीं आती है तब तक कुछ समय के लिए हम मलयेशिया से पाम ऑइल खरीदना बंद कर ही सकते हैं।'
इस बीच मलयेशिया के मंत्री तेरेसा कोक ने बयान देते हुए एसईए से ऐसी 'एकतरफा कार्रवाई' न करने के लिए कहा है। एक वरिष्ठ इंडस्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि जल्द ही मलयेशिया का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली आ सकता है। मंगलवार को ही मलयेशिया के मंत्री कोक ने कहा, 'मैं एसईए से आग्रह करता हूं कि वे ऐसी एकतरफा कार्रवाई न करें और हमारी सरकारों को वर्तमान परिस्थितियों को सुलझाने दें।'