कोलकाता
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कुछ हिस्सों में हो रहे हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बीजेपी फर्जी विडियो बनाकर मेरी छवि खराब करने की योजना बना रही है और झूठी सूचनाएं फैला रही है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र वाले अपने बयान पर सफाई दी कि मैंने केवल ऑपिनियन पोल के लिए कहा था। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि यह जीत और हार के बारे में नहीं है, यह देश हित के बारे में है। सीएए और एनआरसी वापस लें।
ममता ने कहा, 'मैंने केवल ऑपिनियन पोल की बात कही थी। मैंने कहा था कि मानवाधिकार आयोग और संयुक्त राष्ट्र निष्पक्ष संस्थान हैं। मेरे देश के विशेषज्ञों के साथ योजना बनानी चाहिए। उन्हें निश्चित रूप से एक ऑपिनियन पोल कराना चाहिए और मानवाधिकार आयोग को जो कुछ भी हो रहा है, उस पर अपनी निगरानी रखनी चाहिए। मैंने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र को इसकी निगरानी करनी चाहिए और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में भी यही कहा था। अब यह लोगों पर है कि वे इसे स्वीकार करते हैं या नहीं।'
'मेरी छवि खराब करना चाहती है बीजेपी'
ममता बनर्जी ने कहा, 'बीजेपी फर्जी विडियो तैयार करके मेरी छवि खराब करना चाहती है और फर्जी सूचनाएं फैला रही है।' उन्होंने कहा, 'राज्य के सभी उपमंडलों के मुख्यालयों में 23 दिसंबर को नो एनआरसी, ऐंड नो कैब मीटिंग होगी। सभी दलों को इसके बारे में सूचना दे दी गई है।' बता दें कि नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर चल रहे बवाल के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को बेहद अजीबोगरीब मांग रखी थी।
ममता बनर्जी ने कहा था कि इस पूरे मामले पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराना चाहिए। हालांकि अब ममता अपने इस बयान से पलट गई हैं। टीएमसी चीफ ने बीजेपी को चुनौती भरे लहजे में कहा था कि सत्तारूढ़ पार्टी में दम है तो उसे संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में नागरिकता कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह करा लेना चाहिए। उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से विरोध प्रदर्शन करते हुए कही।
जावड़ेकर ने बोला था हमला
इससे पहले केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला था। जावड़ेकर ने ममता के उस बयान की निंदा की थी जिसमें उन्होंने सीएए पर संयुक्त राष्ट्र से जनमत संग्रह कराने की बात कही थी। जावड़ेकर ने कहा, ‘ताज्जुब होता है ममता बनर्जी पर। वह जनमत संग्रह की बात कर रही हैं। यह 130 करोड़ जनता और देश का अपमान है। संसद का अपमान है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं। उनको देश से माफी मांगनी चाहिए।’
जावड़ेकर ने इसके साथ ही लोगों से अपील की कि वे सीएए को लेकर गुमराह न हों और हिंसा न करें। जावड़ेकर ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन कानून पर कुछ लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं। विषय एकदम सीधा है। यह पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना झेलकर आए लोगों के लिए है, घुसपैठियों के लिए नहीं है। ऐसा ही कानून 2003 में हुआ था। मनमोहन सिंह के समय यह कानून 2004 और 2005 में भी चालू रहा। यह पहली बार नहीं आया है।