जबलपुर
केन्द्र सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट (New Motor Vehicle Act) को अबतक मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लागू नहीं किया गया है. जिसके खिलाफ एक महत्वपूर्ण जनहित याचिका (PIL) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर की गई है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री, मंत्रियों और राजनेताओं ने इस मामले को लेकर अलग अलग बयान जारी किए हैं. राज्य इसे कैसे और कब से लागू करेगा? ये स्पष्ट करे. कोर्ट ने इस याचिका पर राज्य के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एवं अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को रखी गई है.
नया मोटर व्हीकल एक्ट प्रदेश में आखिर अब तक क्यों लागू नहीं हुआ, इस बात का जवाब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए मांगा है. केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया नया मोटर व्हीकल एक्ट मध्यप्रदेश में अब तक लागू नहीं हो पाया है. जिसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए केन्द्र समेत प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दलील दी गई है कि प्रदेश के कई राजनेता और खुद मुख्यमंत्री एक्ट को लेकर अलग अलग बयान दे चुके हैं, और विचार कर एक्ट को लागू करने की बात कह रहे हैं. नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने की राशि को लेकर याचिकाकर्ता ने दलील दी कि जुर्माना किसी की भी जान से बड़ा नहीं हो सकता, इस लिहाज़ से इसका लागू होना बेहद ज़रूरी है.
याचिकाकर्ता ने ये दलील भी दी कि मोटर व्हीकल एक्ट में दिए गए प्रावधानों को प्रदेश सरकार बदल नहीं सकती है, वो चाहे तो जुर्माने की राशि को बढ़ा ज़रूर सकती है लेकिन घटा नहीं सकती. याचिकाकर्ता के मुताबिक सरकार एक समय सीमा तय कर ये बताए कि आखिर वो कब तक नए कानून को प्रदेश में लागू करेगी? अदालत ने याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनकर प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर समेत अन्य से जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 11 नवम्बर को रखी गई है.