नवरात्र दो हफ्ते में शुरू हो रहे हैं। इस दौरान उपवास रखने की सोच रहे मधुमेह रोगियों को पहली बार डॉक्टरों ने चेताया है कि शुगर का स्तर 70 एमजी से कम होते ही वे उपवास तोड़ दें। इस संबंध में उन्होंने बकायदा दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।
इन दिशा-निर्देशों को जर्नल ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया में प्रकाशित किया गया है। इसके मुताबिक, उपवास के दौरान बीच-बीच में ब्लड शुगर जांचते रहना चाहिए।परिजनों को भी बीमारी की जानकारी देनी चाहिए।
टाइप-2 मधुमेह के ऐसे मरीज जिनका ब्लड शुगर स्थिर रहता है, वे उपवास कर सकते हैं लेकिन डॉक्टरों की सलाह पर दवा की डोज में कुछ बदलाव करें। उपवास से पहले अप्रसंस्कृत अनाज, फल, नट्स,दालें और प्रोटीन युक्त आहार लेने चाहिए, ताकि शरीर को ऊर्जा मिलती रहे। यदि उपवास के दौरान पानी नहीं पीना है जो व्रत से पहले पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। उपवास के बाद चावल, ब्रेड जैसे पदार्थों का उपयोग करें।
-6.92 करोड़ भारतीय वर्ष 2015 में मधुमेह रोगी थे।
-7.29 करोड़ भारतीय साल 2017 में मधुमेह रोगी थे।
-40.6 करोड़ लोग साल 2018 में विश्व में मधुमेह का शिकार थे।
-9.8 करोड़ भारतीयों के 2030 तक मधुमेह से पीड़ित होने का अनुमान
-51.1 करोड़ लोगों के विश्वभर में 2030 तक मधुमेह पीड़ित होने का अनुमान
– 12 साल में दुनिया में मधुमेह रोगियों की संख्या 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ने की आशंका
त्योहार के अनुसार लें सलाह-
-दिन में तीन बार मेटाफॉर्मिन लेने वाले नवरात्र या रमजान में उपवास के दौरान रात में कुल डोज का दो-तिहाई व सुबह एक-तिहाई लें।
-करवाचौथ, एकादशी और सोमवार जैसे एक दिन के उपवास में मरीजों को दिन की खुराक नहीं लेनी चाहिए।
-जैन धर्मावलंबियों को मेटाफॉर्मिन को पूरी तरह छोड़ने एवं दवा के डोज में फेरबदल न करने की सलाह दी है।
– इनसुलिन लेने वाले मरीजों के लिए सभी प्रकार के उपवासों में अलग-अलग मात्रा में इनसुलिन की डोज कम करने की सलाह दी गई है।