नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल के बाद अब मध्य प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिजली को मुद्दा बनाया है. मध्य प्रदेश के विदिशा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते 11 सितंबर को घंटनाद आंदोलन के जरिए अपने इरादे जाहिर कर दिए. उनकी बातों से लगा कि आने वाले वक्त में बिजली के मुद्दे पर कमलनाथ सरकार को बीजेपी ने परेशान करने की तैयारी कर ली है. विदिशा की सड़कों पर हजारों लोगों के साथ उतरे शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से बिजली बिल न भरने की अपील की. यह भी बोले," अगर कोई कनेक्शन काटता है तो मैं खुद आकर जोड़ूंगा." उन्होंने कहा कि सरकार बदलने के बाद से बिजली गुल होने लगी, बिल ज़्यादा आने लगे, योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया.
जीना है तो मरना सीखो
शिवराज सिंह चौहान ने घंटानाद सभा में जीना है तो मरना सीखो का भी नारा दिया. उन्होंने कहा कि हमने विदिशा आकर कमलनाथ सरकार के खिलाफ शंखनाद किया है. लोगों को बढ़ा हुआ बिजली बिल जमा करने की जरूरत नहीं है. अपने हक के लिए लोगों को लड़ना चाहिए. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे लाइन काटेंगे, हम जोड़ देंगे. इस दौरान शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बिजली बिलों की होली भी जलाई गई.
केजरीवाल स्टाइल
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल भी शीला दीक्षित के शासन के दौरान बिजली कनेक्शन जोड़ने का काम कर चुके हैं. वर्ष 2013 में बकाए के चलते बिजली कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं का जब कनेक्शन काटा जाता तो केजरीवाल वहां खुद इलेक्ट्रिशियन की भूमिका में जबरन जोड़ देते. इस तरह से केजरीवाल ने दिल्ली में शीला दीक्षित के शासन में बिजली बिलों और कंपनियों की मनमानी के खिलाफ जनता में बिगुल बजाने का काम किया था. माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान भी उसी नक्शे कदम पर हैं.