नई दिल्ली
आर्थिक मंदी के बीच मोदी सरकार के लिए एक खुशखबरी सामने आ गई है. जुलाई में औद्योगिक उत्पादन दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जुलाई में औद्योगिक उत्पादन दर बढ़कर 4.3 फीसदी हो गई है. इससे पहले जून में औद्योगिक उत्पादन दर 2 फीसदी थी.
सरकार के लिए राहत की खबर
इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ में भी इजाफा हुआ है. जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 1.6 फीसदी थी, जो अगस्त में बढ़कर 4.2 फीसदी हो गई है.
माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ में भी बढ़ोतरी
महीने दर महीने आधार पर जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी से बढ़कर 4.2 फीसदी रही है. जबकि माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.6 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी पर पहुंच गई है. हालांकि जुलाई बिजली का उत्पादन घटा है, और ये जून के 8.2 फीसदी से गिरकर 4.8 फीसदी पर आ गया है.
खुदरा महंगाई दर में इजाफा
वहीं अगस्त में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है. जुलाई के 3.15 फीसदी से बढ़कर 3.21 फीसदी पर पहुंच गई है. इस अवधि में कंज्यूमर, फूड प्राइस इंफ्लेशन जुलाई के 2.6 फीसदी से बढ़कर 2.99 फीसदी पर आ गया है.
दरअसल औद्योगिक उत्पादन दर में बढ़ोतरी से देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है. क्योंकि पिछले कुछ महीनों से लगातार हर आर्थिक मोर्चे पर ग्रोथ का आंकड़ा नीचे लुढ़क रहा था.
कोर सेक्टर्स ने किया था निराश
गौरतलब है कि पिछले दिनों 8 कोर सेक्टर्स की विकास दर में भी गिरावट दर्ज की गई थी. जुलाई महीने में 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ घटकर 2.1 फीसदी पर आ गई है. जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यानी जुलाई 2018 में यह 7.3 फीसदी थी.
दरअसल, तमाम कोशिशों के बावजूद उद्योगों की वृद्धि दर में रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है. हालांकि पिछले साल की अप्रैल-जुलाई तिमाही की तुलना में इस बार अप्रैल-जुलाई के दौरान प्रोडक्शन में 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आठ प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं