भोपाल
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा रायसेन जिले के मंडीदीप औद्योगिक प्रक्षेत्र में 164 औद्योगिक इकाइयों पर पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शून्य निवेश आधारित रेस्को मॉडल के सौर संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। देश में इस तरह की पहल करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है।
राज्य ऊर्जा विकास निगम और औद्योगिक केन्द्र विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में औद्योगिक इकाइयों को शून्य पूँजी निवेश पर सस्ती, हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है। इसी तारतम्य में मंडीदीप प्रक्षेत्र में यह पायलेट प्रोजेक्ट क्रियान्वित किया जा रहा है। मंडीदीप की 164 औद्योगिक इकाइयों पर कुल 10.7 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। औद्योगिक इकाइयों के अलग-अलग आकार, उत्पाद, वित्तीय सुदृढ़ता में भिन्नता होने के कारण इकाइयों को तीन समूह में विभाजित किया गया है। प्रत्येक समूह में छोटी-बड़ी सभी प्रकार की औद्योगिक इकाइयों को शामिल किया गया है। इस व्यवस्था से सभी इकाइयों को एक विद्युत टैरिफ सुविधा का लाभ मिलेगा। विकासक इकाइयों के लिये वर्ल्ड बैंक के ' सुप्रभा' कार्यक्रम के अन्तर्गत गूगल ड्राइव पर डेटा रूम बनाया गया है। इसमें सौर संयंत्रों की स्थापना से संबंधित सभी तकनीकी और औद्योगिक इकाइयों की वित्तीय जानकारी को प्रदर्शित किया गया है।
रेस्को सौर संयंत्रों की स्थापना से औद्योगिक इकाइयों को सौर विद्युत की दर, विद्युत वितरण कम्पनी से प्राप्त वर्तमान दर से 34 प्रतिशत कम भुगतान करनी होगी। सस्ती सौर विद्युत दर से औद्योगिक इकाइयों को प्रतिवर्ष 2.39 करोड़ रुपये विद्युत शुल्क की बचत होगी। संयंत्रों के पूर्ण आयुकाल (25 वर्ष) में यह बचत 233 करोड़ रुपये होगी।
सौर संयंत्रों की स्थापना से विकासक इकाइयाँ शासकीय अनुदान लागू न होने के कारण आयात सौर मॉड्यूल्स का उपयोग कर सकेंगी। इन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से वर्ल्ड बैंक तथा एशियन डेव्हलपमेंट बैंक द्वारा प्रायोजित लाइन ऑफ क्रेडिट से घटी हुई ब्याज दरों पर ऋण सुविधा उपलब्ध रहेगी। विकासक और औद्योगिक इकाइयों के बीच चतुर्पक्षीय पॉवर पर्चेस एग्रीमेन्ट निष्पादित होगा। इसमें ऊर्जा विकास निगम और औद्योगिक विकास निगम भी हस्ताक्षरी होंगे।