मध्य प्रदेश

भोपाल नगर निगम के बंटवारे पर BJP करेगी ‘आंदोलन’, शिवराज के घर बनी रणनीति

भोपाल
कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) के भोपाल में दो नगर निगम बनाने के फैसले के खिलाफ BJP जनजागरण अभियान (Public Awareness Campaign) करने जा रही है. भाजपा अब प्रबुद्धजनों और आम लोगों के साथ सड़कों पर उतरने की तैयारी में है. भोपाल में दो नगर निगम (Two Municipal Corporations in Bhopal) बनाने के फैसले के विरोध में भाजपा अब बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी, जिसमें जनता की राय लेकर सरकार को घेरने की कोशिश होगी. आंदोलन को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Former CM Shivraj Singh Chauhan) के निवास पर भाजपा नेताओं की अहम बैठक हुई, जिसमें कमलनाथ सरकार को घेरने के चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार हो गई है.

कांग्रेस सरकार के दो नगर निगम बनाने के फैसले के विरोध में भाजपा के विरोध के स्वर तेज हो गए हैं. कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोलने पूरी रणनीति तैयार कर ली है. भाजपा के नेता अब हर वर्ग के बीच में जाएंगे. वार्ड-वार्ड जाकर लोगों को सरकार के इस फैसले के खिलाफ जागरूक करेंगे. ना सिर्फ जागरूक करेंगे बल्कि जनता का भी साथ लेंगे. यकीनन भाजपा जनता का साथ लेकर अब सरकार के फैसले के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी. इस दौरान हर वर्ग के लोगों अलावा पार्टी प्रबुद्धजनों के बीच भी जाएगी.

मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के निवास पर हुई बैठक में भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में ना बांटने को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति बनी. जबकि विधायक कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह एक-एक वार्ड में आम जनता के बीच जाएंगे.

नगर निगम महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि कमलनाथ सरकार राजाभोज की नगरी को दो हिस्सों में बांटना चाहती है. बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के नाम पर बांटना चाहती है. इससे भोपाल शहर का विकास रुकेगा. भाजपा कमलनाथ सरकार के गलत निर्णय का हर स्तर पर विरोध करेगी. दो नगर निगम बनाने के बाद कांग्रेस सरकार क्या मेट्रो के दो हिस्से करेंगी. क्या बड़े तालाब के दो हिस्से करेगी, जो भोपाल की लाइफ लाइन है.

पूर्व मेयर कृष्णा गौर का कहना है कि कांग्रेस सरकार के इस निर्णय को कभी सफल नहीं होने देंगे. हमारा दृढ़निश्चय और संकल्प है कि भोपाल हमेशा से एक था और रहेगा. मुंबई जैसे महानगर में दो नगर निगम नहीं हैं तो भोपाल में क्या जरूरत है?

भोपाल में दो नगर निगम के फैसले पर अब सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस जहां इसे अमल में लाने जुटी हुई तो वहीं भाजपा कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिशों में लगी है, लेकिन आंदोलन से पहले ही भाजपा में श्रेय लेने की होड़ भी मची हुई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह कल तमाम नेताओं की बैठक लेने वाले हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की बैठक से पहले ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर भाजपा के नेताओं की बैठक ली. फैसले के विरोध में रणनीति तैयार की. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की बैठक से पहले ही चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा और जनता के बीच जाने की तैयारी भी पूरी हो चुकी है.

नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले भोपाल में दो नगर निगम बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. कांग्रेस सरकार भोपाल के साथ ही इंदौर में दो नगर निगम बनाने जा रही है. इसको लेकर जिला प्रशासन ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. कलेक्टर ने ड्राफ्ट जारी कर आपत्ति और सुझाव मांगे हैं. सुझाव और आपत्ति के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. 14 अक्टूबर आखिरी तारीख होगी. इसके बाद भोपाल को दो भागों पूर्व और पश्चिम में बांटा जाएगा. पूर्व भोपाल में 31 और पश्चिम में 54 वार्ड होंगे.

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