भोपाल
एनजीटी के जिंसी स्थित स्लाटर हाउस को बंद करने के फैसले के बाद प्रशासनिक अधिकारी, नगरीय आवास एवं विकास विभाग के अधिकारी और नगर निगम अफसरों के बीच हुई बैठक में ये तय हुआ कि निगम प्रशासन अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा. एनजीटी के जिंसी स्थित स्लाटर हाउस को बंद करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रहे अफसरों का तर्क ये है कि एनजीटी के आदेश पर ही आदमपुर छावनी में स्लाटर हाउस का काम शुरू किया गया था. शुरूआत से ही स्थानीय रहवासियों ने इसका विरोध किया था. वहीं बाद में दोनों ही पार्टियों के नेताओं के विरोध के बाद इसका निर्माण रोकना पड़ा था.
कोर्ट में दिए गए ये तर्क
एनजीटी ने राज्य शासन और नगर निगम को स्लाटर हाउस को बंद करने के आदेश दिए हैं. सुनवाई के दौरान कई तर्क सामने आए थे जिसमें शहरी क्षेत्र में स्लाटर हाउस से बीमारियां और पॉल्यूशन होना बताया गया है. इस बीच भोपाल मेयर आलोक शर्मा का कहना है कि अब कोर्ट को ही इस मामले में निर्णय लेना है. उन्होंने कहा कि जनभावना को देखते हुए इस तरह का निर्णय लिया गया है.
एनजीटी ने जताई नाराज़गी
एनजीटी के न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह राठौर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमें भरोसा हो गया है कि अब 31 दिसंबर तक नया स्लाटर हाउस बन कर तैयार नहीं होगा. 2015 से लगातार यही स्थिति बनी हुई है, हर सुनवाई पर अलग-अलग कारण बताए जाते हैं. ऐसे में भोपाल की जनता को प्रदूषण से राहत दिलाने और हमारे पुराने आदेश का पालन कराने के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि जिंसी स्थित स्लाटर हाउस को बंद कर दिया जाए.