रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में धान खरीदी (Paddy Procurement) को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में जगह जगह किसान (Former) प्रदर्शन कर रहे हैं. कोंडागांव में नेशनल हाईवे को किसानों ने जाम कर दिया. कांकेर व अन्य जिलों में भी किसानों ने प्रदर्शन किया. जैसे-जैसे धान खरीदी की अंतिम तारीख 20 फरवरी नजदीक आती जा रही हैं, वैसे-वैसे यह मुद्दा तेज होता जा रहा है. बीजेपी नहीं चाह रही है कि किसानों के इस महत्वपूर्ण मुद्दे को छोड़ा जाए. इसलिए इस मुद्दे को आगामी विधानसभा के बजट सत्र में उठाने की तैयारी में है.
विधानसभा (Assembly) के बजट सत्र (Budget session) में प्रदेश की भूपेश सरकार (Bhupesh government) को किसानों के मुद्दे पर बीजेपी (BJP) व अन्य विपक्षी दल घेरने की तैयारी में हैं. प्रदेश में किसानों से राज्य सरकार 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लिए 19 लाख से अधिक किसानों का पंजीयन कराया था. किसानों का 17 फरवरी तक की तारीख में 80 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी सरकार कर चुकी है. राज्य सरकार ने 1 दिसंबर से 15 फरवरी तक धान खरीदी की तारीख को तय किया था, लेकिन बीच-बीच में बैमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलों को बढ़ा दिया था. इसलिए राज्य सरकार की कैबिनेट ने फैसला किया कि किसानों से 20 फरवरी तक धान खरीदी की जायेगी.
छत्तीसगढ़ का प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी किसानों के मुद्दे को आगामी विधानसभा में उठाने की तैयारी कर रही है. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह का कहना है कि वो किसानों के मुद्दों को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस सरकार को सदन में जोरदार तरीके से घेरेंगे. इतना ही नहीं रमन सिंह का यह भी कहना है कि धान खरीदी के समय किसानों को प्रताड़ित किया गया, झूठे मुकदमे किसानों पर दर्ज किये गये हैं. अभी भी हालत यह है कि लाखों किसानों से धान खरीदी नहीं हुई है.
मंत्री ने भी माना मुद्दाप्रदेश में सत्ताधारी दल कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर भी मानते हैं कि विधानसभा में इस बार सबसे बड़ा मुद्दा किसानों की धान खरीदी का ही रहने वाला है. इसलिए उनकी तरफ से सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. किसानों का धान हमारी सरकार तय सीमा में खरीदेगी. बहरहाल इस बार के विधानसभा के सत्र में किसानों के मुद्दे पर सदन में विपक्षी दल बीजेपी ने अपने मन किसानों के मुद्दे पर घेरने का बना लिया है. अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर बीजेपी किसानों के मुद्दों पर किस तरह से सत्ताधारी दल कांग्रेस को घेरती है.