देश

भारत की आर्थिक सुस्‍ती अस्‍थायी, आगे सुधार की उम्‍मीद: IMF चीफ

नई दिल्‍ली

    आईएमएफ के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.8 फीसदी रहेगीक्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने उभरते बाजारों का जिक्र करते हुए कहा-ये आगे बढ़ रहे हैं

आर्थिक सुस्‍ती की वजह से आलोचना झेल रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के ताजा बयान से थोड़ी राहत मिलेगी.

दरअसल, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि भारत में आर्थिक सुस्ती अस्थायी है और आने वाले समय में इसमें सुधार की उम्मीद है. जॉर्जीवा ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) 2020 में ये बात कही. जॉर्जीवा ने उभरते बाजारों का जिक्र करते हुए कहा कि ये आगे बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक बड़े बाजार भारत में गिरावट देखी है, लेकिन हमारा मानना है कि यह अस्थाई है. हमें आने वाले समय में गति बढ़ने का अनुमान है. इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे कुछ अन्य बेहतर बाजार भी हैं.’’ जॉर्जीवा के मुताबिक कई अफ्रीकी देश भी अच्छा कर रहे हैं, लेकिन मैक्सिको जैसे कुछ देश अच्छा नहीं कर रहे हैं.

क्रिस्टालिना जॉर्जीवा का ये बयान ऐसे समय में आया है जब आईएमएफ ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को काफी घटा दिया है. आईएमएफ ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़त दर महज 4.8 फीसदी रहेगी.

ट्रेड वॉर सुलझने का फायदा

इसके साथ ही जॉर्जीवा ने ये भी कहा कि अक्टूबर 2019 में जब आईएमएफ ने ग्‍लोबल इकोनॉमी आउटलुक की घोषणा की थी, उस समय के मुकाबले जनवरी 2020 में दुनिया अच्छी स्थिति में दिख रही है. जॉर्जीवा के मुताबिक अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर सुलझने की वजह से माहौल सकारात्मक बन गया है.

जॉर्जीवा ने कहा, '' ट्रेड वॉर सुलझने से विश्व अर्थव्यवस्था में जारी व्यापार तनाव में कमी आई है. इसके अलावा टैक्‍स में कटौतियां भी परिवेश को सकारात्मक बनाने में शामिल हैं. हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए 3.3 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर को अच्छा नहीं कहा जा सकता है.'' उन्होंने कहा, ''हम पहले से अधिक जोखिमों वाली दुनिया में जी रहे हैं. अभी जनवरी ही गुजर रहा है और अभी ही ऐसी कुछ घटनाएं हो गई हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष जोखिम खड़ा कर रही हैं. ''

 

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment