राजनीति

भाजपा ने खेला जाट कार्ड, ओपी धनखड़ को बनाया हरियाणा ईकाई का अध्यक्ष

हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हुए नुकसान को लेकर भाजपा ने शुरू कर दी डैमेज कंट्रोल की कवायद
चंडीगढ़. राजस्थान में आए राजनीतिक भूचाल से भारतीय जनता पार्टी फूंक-फंूक कर कदम रख रही है। मौजूदा समय में राजस्थान में कांगे्रस की सरकार है और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं। वहीं सूबे के उपमुख्मंत्री रहे सचिन पायलेट द्वारा अपने गुट के विधायकों के साथ सरकार से वगावत करने के बाद कांगे्रस सरकार पर संकट के बादल छा गए थे। ऐसे में कांग्रेस जहां अपनी सरकार बचाने की जुगत में लगी है वहीं भाजपा सचिन पायलट और उनके गुट के विधायकों की ओर टकटकी लगाए बैठी है। भाजपा मध्य प्रदेश में कांग्रेस से सत्ता छीनने के बाद अब राजस्थान की ओर नजरे गड़ाए बैठी है।

भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हुए नुकसान को लेकर अब डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू की है। इसी क्रम में बीजेपी ने वरिष्ठ नेता ओपी धनखड़ को पार्टी की हरियाणा ईकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है। धनखड़ को इस पद पर बैठाकर बीजेपी ने हरियाणा में जाट कार्ड चल दिया है। राज्य में लगातार दूसरी बार जाट नेता को प्रदेश संगठन की पार्टी ने कमान सौंपी है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला भी जाट बिरादरी से नाता रखते हैं।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि धनखड़ की नियुक्ति से संकेत मिल रहे हैं कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जाटों की नाराजगी के कारण हुए नुकसान चलते ओपी धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। पहले केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में आगे चल रहे थे, मगर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओपी धनखड़ के नाम पर मुहर लगाई। हरियाणा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ की बात करें तो वह खांटी संघ पृष्ठिभूमि से आते हैं। वह मनोहर लाल खट्टर की पिछली सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, मंत्री रहते 2019 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।

पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं धनखड़
ओपी धनखड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्टेच्यू ऑफ यूनिटी आयरन कलेक्शन कॉरपोरेशन के वह नेशनल कोआर्डिनेटर रह चुके हैं। हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले ओपी धनखड़ 18 साल तक संघ और उससे जुड़े संगठनों के साथ काम कर चुके हैं। वह 1980 से 1996 के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ रहे। स्वदेशी जागरण मंच से भी जुड़ाव रहा, फिर 1996 में संघ ने उन्हें बीजेपी में भेजा। बीजेपी संगठन का वह हिमाचल प्रदेश में भी दायित्व देख चुके हैं।

2019 का विधानसभा चुनाव हार गए थे धनखड़
सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान संगठन में काम करने के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जान-पहचान हुई थी। 2014 में पार्टी ने उन्हें रोहतक सीट से लोकसभा का टिकट देकर मैदान में उतारा था, मगर वह चुनाव हार गए थे। फिर 2014 के विधानसभा चुनाव में बादली सीट से विधायक बने। इसके बाद मनोहर लाल खट्टर की सरकार में वह कैबिनेट मंत्री बने। हालांकि मंत्री रहते हुए 2019 का विधानसभा चुनाव वह हार गए थे। अब पार्टी ने उन्हें प्रदेश संगठन की कमान सौंपी है।

कृषि मामलों के जानकार माने जाते हैं धनखड़
ओपी धनखड़ कृषि मामलों के जानकार माने जाते हैं। इसी वजह से उन्हें पिछली सरकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कृषि मंत्री बनाया था। बीजेपी के किसान मोर्चा के वह 2011-2013 और 2013-2015 के बीच लगातार दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। ओपी धनखड़ ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक से एमएड की शिक्षा हासिल की है। वह 11 वर्षों तक शिक्षक भी रहे।

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