भगवान सूर्य को अर्घ्य देने आज उमड़ेगा आस्था का सैलाब

पटना                                                                                                                                                 
राजधानी पटना के तमाम सुरक्षित गंगा घाटों पर अर्घ्य की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गयी हैं। घाटों पर बैरिकेडिंग कर दी गयी है। घाटों और संपर्क पथों पर रोशनी की पुख्ता व्यवस्था कर ली गयी है। जहां घाटों से गंगा दूर चली गयी हैं वहां श्रद्धालुओं के जाने के लिए रास्ते बना दिये गए हैं। घाटों के साथ ही उस ओर जाने वाली तमाम सड़कों पर भी साफ-सफाई के साथ रोशनी की दिलकश सजावट की गयी है। वहीं  शांति-व्यवस्था बनाए रखने और व्रतियों-उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। 

वहीं राजधानी स्थित गंगा तटों,तालाबों व घर-अपार्टमेंट की छतों पर लाखों व्रती शनिवार की शाम सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगे। राज्य के चर्चित सूर्यपीठों जैसे औरंगाबाद के देव, पटना जिले के उलार,पुण्यार्क मंदिर पंडारक में लाखों की तादाद छठ व्रती सूर्य भगवान को अर्घ्य प्रदान करेंगे। ऐतिहासिक देव में इस बार लाखों छठ व्रतियों के अर्घ्य देने की संभावना है। ज्योतिषाचार्य प्रियेंदू प्रियदर्शी के अनुसार इस बार छठ महापर्व के चार दिवसीय अनुष्ठान में रविवार को प्रात:कालीन अर्घ्य केसमय खास संयोग बना है। रविवार और सप्तमी तिथि सूर्य से जुड़ा है। ऐसा संयोग हमेशा नहीं बनता है। 

कलेक्ट्रेट घाट पर बिछेगी कालीन 
कलेक्ट्रेट सह महेंद्रू घाट को शुक्रवार रात अंतिम टच दिया जा रहा है।  पक्की सीढ़ियों के तुरंत बाद कालीन बिछाने की तैयारी चल रही है। डीएम  और प्रमंडलीय आयुक्त ने घाट के इंचार्ज को निर्देश दिया कि कालीन सीढ़ियों पर नहीं बिछायी जाए। कलेक्ट्रेट सह महेन्द्रू घाट पर बड़ी स्क्रीन लगायी जानी है। स्क्रीन पर घाट का लाइव प्रसारण किया जा सकता है। उन्होंने इस बात का ध्यान रखने की हिदायत दी कि लाइव प्रसारण में स्नान करने का प्रसारण नहीं किया जाए। 

पहुंच पथों को ठीक करने का काम अंतिम चरण में
शहर के घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। शहर के घाटों के चप्पे-चप्पे को रोशन कर दिया गया है। घाटों तक पहुंचने वाले पहुंचपथ को भी दुरुस्त करने का काम अंतिम चरण में है। क्लेक्ट्रेट घाट की तरफ जाने वाले रास्ते में कुछ स्थान गीला है लेकिन इसे ठीक करने का काम जारी है। काम में लगे मजदूर बताते हैं कि जल्दी ही इसे दुरुस्त कर लिया जाएगा। बांस घाट जाने वाले रास्ते में धूल और गीलापन को लेकर अभी भी काम जारी है। अधिकारी कहते हैं कि इसे शुक्रवार देर रात तक ठीक कर लिया जाएगा। 

गांधी मैदान में भी बनायी गई है पार्किंग
अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट सह महेन्द्रू घाट के लिए गांधी मैदान में ही पार्किंग करने की सलाह दी है। गांधी मैदान से घाट की दूरी दो किलोमीटर के लगभग है। कलेक्ट्रेट से गंगा घाट की दूरी लगभग एक किलोमीटर है। घाट पर पहुंचने के लिए महेन्द्रू की तरफ से पीपा पुल भी तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा बांस घाट की तरफ से भी कलेक्ट्रेट घाट तक पैदल पहुंचा जा सकता है। लेकिन गाड़ियों से आने वाले व्रतियों के लिए गांधी मैदान में ही अपनी गाड़ियों की पार्किंग करना सबसे बेहतर होगा। 

वाच टावर की मदद लें
इस बार छठ पूजा में घाटों पर लगाए गए वॉच टावर की नंबरिंग की गई है। वॉच टावर की मदद से लोग अपने परिजनों को ढूंढ़ने में सहायता ले सकेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि पूजा के मौके पर घाटों पर मौजूद लोग एक दूसरे से बिछड़ने पर वॉच टावर का नंबर बताकर अपने परिजनों को बुला सकते हैं।

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