बेहद फायदेमंद है तितली आसन

आपने अक्सर देखा होगा कि अगर बहुत देर तक आलथी-पालथी मारकर बैठे रहें या फिर बहुत देर तक पैर मोड़कर जमीन पर बैठे रहें या फिर कई बार बहुत देर तक एक ही पोजिशन में कुर्सी पर पैर लटकार बैठने पर भी पैरों में झनझनाहट होने लगती है। इसे को पैर सुन्न होना कहता है तो कोई पैरों का सो जाना या फिर पैरों में झुनझुनी होना। आपके साथ भी कभी ना कभी ये समस्या जरूर हुई होगी।

बेहद कॉमन है हाथ-पैर सुन्न होने की दिक्कत
पैरों के साथ-साथ हाथों में भी कई बार सुन्न हो जाने या झनझनाहट की दिक्कत होती है। जब हाथ या पैर सुन्न हो जाते हैं उस वक्त दिक्कत तो बहुत होती है लेकिन काफी देर मूवमेंट करने के बाद हाथ या पैर नॉर्मल हो जाते हैं। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो धीरे-धीरे यह परेशानी रोजाना होने लगती है और कई बार किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं योग के एक ऐसे आसन के बारे में जिसे करने से पैरों में लचीलापन आएगा, पैर मजबूत बनेंगे और इसके साथ ही कई दूसरी समस्याएं भी दूर होंगी।

तितली आसन या बटरफ्लाई योगासन के फायदे
– पैरों की कमजोरी होगी दूर
– पैरों की जकड़न की समस्या होगी दूर
– पैरों में नहीं रहेगा भारीपन
– पैर सुन्न होने की समस्या नहीं होगी
– वैरीकोज वेन्स, ऐड़ी का दर्द होगा दूर
– पैरों की नस खिंचना आदि पैरों की समस्या में लाभकारी
– जांघ की मांसपेशियों व कूल्हे की हड्डी को मज़बूत बनाता है
– मूत्र संबंधी विकारों में भी लाभकारी है
– पेट के अंदर मौजूद ऑर्गन्स, ओवरी, प्रॉस्टेट ग्लैंड, ब्लैडर और किडनी को उत्तेजित करता है
– डिप्रेशन, ऐंग्जाइटी और थकान को दूर करने में मददगार है
– मेन्स्ट्रुअल पेन, क्रैम्प्स और मेनॉपॉज के लक्षणों में आराम दिलाता है

आपने ऊपर पढ़ा कि ये आसन कितना फायदेमंद है और शरीर के हर अंग को मजबूत बनाने में मदद करता है योग का ये आसन जिसका नाम है तितली आसन या बटरफ्लाई पोज। अब इसे करना कैसे है इसका भी तरीका जान लें…

तितली आसन करने की विधि
दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। अब घुटनों को मोड़कर पैरों के पंजों को आपस में मिला लें। हाथों को घुटनों पर रखकर, घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं व आपस में मिलाने की कोशिश करें। उसके बाद घुटनों को नीचे ले आएं और जमीन के साथ लगाने की कोशिश करें। इसी प्रकार 4-5 बार कर लें। इसके बाद हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ लें, अब घुटनों को जल्दी-जल्दी ऊपर नीचे करते रहें, जैसे तितली उड़ रही हो। सांस की गति सामान्य रखते हुए 8-10 बार इसका अभ्यास करें।

सावधानी
यदि घुटनों या कमर में दर्द रहता हो तो इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए वरना आपका दर्द बढ़ सकता है।

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