बीजापुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) में नक्सल हिंसा (Naxal Violence) के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कामयाबी मिलने का दावा किया है. पुलिस (Police) का दावा है कि एक आठ लाख रुपये के इनामी नक्सल कमांडर ने सरेंडर (Surrender) किया है. सरेंडर नक्सली सुधीर कोरसा नक्सलियों के पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के कंपनी नंबर 2 का प्लाटून कमांडर था. ये सुकमा, बीजापुर और ओड़िशा में नक्सलियों द्वारा की गई 9 बड़ी वारदातों में शामिल था. लंबे समय से पुलिस को इसकी तलाश थी.
नक्सल कमांडर (Naxal Commander) सुधीर कोरसा ने बीजापुर (Bijapur) एसपी दिव्यांग पटेल और सीआरपीएफ (CRPF) डीआईजी कोमल सिंह के समक्ष बुधवार को सरेंडर किया. पुलिस (Police) का कहना है कि बीजापुर में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पीएलजीए (PLGA) बटालियन का प्लाटून कमांडर सुधीर कोरसा उर्फ प्रकाश नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर व नक्सलियों के खोखली विचारधारा से क्षुब्ध होकर सरेंडर किया है. ये बीजापुर के ही पटेलपारा का रहने वाला था.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साल 2006 में मुरकीनार की वारदात, 2007 में रानीबोदली की वारदात, 2008 में ओडिशा नयागढ की घटना एवं पुलिस लाईन अटैक में शामिल ये शामिल था. इसके अलावा साल 2008 में बंडा (सुकमा), साल 2009 में कोरापुट (दमनजोडी) ओडिशा में बारूद मैग्जीन लुटने, 2009 में तिमिलवाड़ा में रोड ओपनिंग पार्टी पर हमला, 2010 में ताड़मेटला (सुकमा) की घटना, साल 2017 में बुरकापाल (सुकमा) घटना में घटनास्थल की रेकी व साजिश रचने में ये शामिल था.