पटना
बिहार में बीजेपी और जेडीयू में फिर से रार बढ़ती दिख रही है। जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने राज्य के डेप्युटी सीएम सुशील कुमार मोदी को परिस्थितिवश डेप्युटी सीएम बताते हुए तंज कसा है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पार्टी लाइन से अलग बयान देने वाले प्रशांत के इस बयान के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने प्रशांत को इस तरह के बयान से बचने की सलाह दे दी। इधर, इन सब बवाल के बीच सीएम नीतीश कुमार ने साफ किया है कि गठबंधन में सब ठीक है।
प्रशांत का सुशील मोदी पर तंज
जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने इस बार डेप्युटी सीएम सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें परिस्थितियों का डेप्युटी सीएम बताया है। प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा है कि परिस्थितिवश डेप्युटी सीएम बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर लेक्चर सुनना सुखद अनुभव है।
ट्वीट कर कहा- परिस्थितिवश बने डेप्युटी सीएम
प्रशांत किशोर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, 'बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और जेडीयू की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश डेप्युटी बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर लेक्चर सुनना सुखद अनुभव है।'
सुशील मोदी ने साधा था किशोर पर निशाना
बता दें कि सुशील मोदी ने एक दिन पहले ही अपने ट्विटर हैंडल से प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए लिखा था कि जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं।
नीतीश बोले-सब ठीक है
इधर, बढ़ती तल्खी के बीच सीएम नीतीश कुमार ने गठबंधन में सब ठीक होने का दावा किया है। आज एक कार्यक्रम में जब उनसे बीजेपी-जेडीयू में तल्खी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'सब ठीक है।'
किशोर ने जेडीयू को बताया था बड़ा भाई
सुशील मोदी ने कहा था, '2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।' इससे पहले प्रशांत किशोर ने जेडीयू को बड़ा भाई बताते हुए उसे बीजेपी से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कहा था। प्रशांत किशोर ने कहा था, 'मेरे अनुसार लोकसभा चुनाव का फॉर्म्यूला विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जा सकता। यही नहीं, विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार को एनडीए का चेहरा बनाकर लड़ा जाना है।'
पार्टी में ही उठे विरोध के सुर
हालांकि प्रशांत किशोर के इस प्रस्ताव में पार्टी में ही असहमति के स्वर उठने लगे। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) एवं राज्यसभा में पार्टी के नेता आरसीपी सिंह ने पार्टी उपाध्यक्ष किशोर के सीट बंटवारे के फॉर्म्युले पर कहा था कुछ लोगों की हर समय बयान देने की आदत होती है। उन्होंने आगे कहा था, मेरे पास उनके बारे में कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है लेकिन यह असमय है। उन्हें समय से पहले ऐसे विषय उठाने से बचना चाहिए।’
'सिर्फ नीतीश कुमार के पास जवाब, क्यों किया CAA का समर्थन'
वहीं सीएए को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही स्पष्ट कर सकते हैं कि किन परिस्थितियों में पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में बिल का समर्थन किया था। उन्होंने कहा, 'यह ऑन रिकॉर्ड है कि जेडीयू ने अलग-अलग स्तर और फोरम में बिल का विरोध किया है। कोई भी पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी का रिकॉर्ड देख सकता है कि पहली असहमति जेडीयू ने दी थी।' प्रशांत किशोर ने कहा, 'मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जेडीयू का एनआरसी और सीएबी को लेकर स्टैंड विरोध में था। सिर्फ नीतीश कुमार जी ही स्पष्ट कर सकते हैं कि किन परिस्थितियों में जेडीयू ने दोनों सदनों में बिल का समर्थन किया।'