बिहार में कोरोना वायरस का खौफ: नेपाल से आने वाले हर संदिग्ध की होगी जांच

 किशनगंज 
कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कोरोना मरीजों की पहचान और देश में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने को लेकर जिलों का स्वास्थ्य महकमा सजग हो गया है। अब नेपाल से आने वाले संदिग्ध लोगों को स्क्रीनिंग के बाद भी यहां प्रवेश करने दिया जाएगा। इसके लिए नेपाल सीमा में तीन स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाये गये हैं।

भारत-नेपाल सीमा खुला रहने के कारण यहाँ के लोगों का नेपाल प्रत्येक दिन आना जाना रहता है। इसको देते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया गया है। इसके अलावा नेपाल सीमा से सटे ठाकुरगंज प्रखंड के गलगलिया, दिघलबैंक प्रखंड के दिघलबैंक बॉर्डर तथा टेढ़ागाछ प्रखंड के फतेहपुर बॉर्डर और पैक टोला बॉर्डर पर सीमा पार कर भारत प्रवेश करने वालों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्क्रीनिंग प्वाइंट की व्यवस्था की गई है।

स्क्रीनिंग प्वाइंट में स्वास्थ्य विभाग की टीम संदिग्ध लोगों की स्कैनर थर्मामीटर से जांच करती है। जांच में किसी को कोरोना वायरस का संदेह का शक होने पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्देश दिया गया है। एमजीएम कॉलेज में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए वहां 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस संदिग्ध मरीज का एक भी मामला सामने नहीं आया है। कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम व नियंत्रण में 29 जनवरी से टीम गठित है। नेपाल बॉर्डर से लगी पंचायतों में विशेष चौकसी बरती जा रही है। भारत नेपाल बॉर्डर के रास्ते किशनगंज जिला में प्रवेश करने वलें लोगों की जांच के लिए नेपाल बॉर्डर को टच करने वाले ठकुरगंज, दिघलबैंक व टेढ़ागाछ प्रखंड के बॉर्डर सड़क में स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए मेडिकल टीम कार्य कर रही है।  मेडिकल टीम प्रतिदिन रिपोर्ट संबंधित पीएचसी को भेज रही है। 

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