भोपाल
मध्यप्रदेश में बिजली की अभी तक की सर्वाधिक माँग का नया रिकार्ड बना है। प्रदेश के इतिहास में बिजली की अधिकतम मांग 28 जनवरी को प्रात: 9.30 बजे 14,415 मेगावाट पर पहुंची, जिसकी सफलतापूर्वक सप्लाई की गई। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने एमपी पावर मैनेजमेंट, मध्यप्रदेश पावर जनरेंटिग कंपनी, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली की अधिकतम मांग बढ़ने का मुख्य कारण प्रदेश में कृषकों को 10 घंटे औऱ घरों में रोशनी के लिए 24 घंटे, सातों दिन बिजली की सप्लाई है। पिछले रबी सीजन में बिजली की अधिकतम मांग 5 जनवरी 2019 को 14,089 मेगावाट दर्ज हुई थी । बिजली इतिहास की अभी तक की अधिकतम बिजली मांग का नया रिकार्ड 28 जनवरी को 14,415 मेगावाट दर्ज हुआ है। उल्लेखनीय है कि राज्य में बिजली की अधिकतम मांग इस समय 14,000 मेगावाट के ऊपर बनी हुई है।
कैसी रही बिजली की मांग
मंगलवार को जब बिजली की अधिकतम मांग 14,415 मेगावाट थी, उस समय मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 6,030 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 4,672 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 3,713 मेगावाट दर्ज हुई।
कैसे हुई बिजली सप्लाई
प्रदेश में जब बिजली की अधिकतम मांग 14,415 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप एवं जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 4,231 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 2,032 मेगावाट, सेंट्रल सेक्टर का अंश 2,544 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का अंशदान 1,354 मेगावाट, आईपीपी का अंश 1,055 मेगावाट, बिजली बैंकिंग से 1,973 मेगावाट व अन्य स्त्रोतों से प्रदेश को 1,226 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।