मुंबई
औरंगाबाद के प्रियदर्शिनी उद्यान में बालासाहेब ठाकरे स्मारक बनाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्मारक बनाने के लिए 5,000 पेड़ काटने का विरोध शुरू हो गया है। इधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आदेश दिया है कि किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाए। औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) में पेड़ समिति के एक सदस्य और पर्यावरण कार्यकर्ता किशोर पाठक का कहना है कि, अगर यह भूमि स्मारक के लिए दी जाती है तो हम इसकी सुंदरता खो देंगे।
इस उद्यान में 7,500 पेड़ हैं, जिसे पहले एक निजी शैक्षणिक संस्थान को दिया गया और अब यह एएमसी के पास है। एक दूसरे सदस्य ने पेड़ काटने का विरोध करते हुए कहा कि इससे सार्वजनिक उद्यान की सुंदरता को क्षति पहुंचेगी। प्रियदर्शिनी पार्क में स्मारक बनना प्रस्तावित है और यह उद्यान रेंगने वाले कई जीवों और पक्षियों का घर है।
बाल ठाकरे स्मारक के लिये पेड़ों को न छुआ जाए : मुख्यमंत्री
इस संबंध में शिवसेना के वरिष्ठ नेता व पार्टी के पूर्व सांसद चंद्रकात खैरे का कहना है कि रविवार रात को मुख्यमंत्री ठाकरे से मौखिक आदेश मिला जिसमें स्मारक बनाने के लिए किसी भी पेड़ को हाथ नहीं लगाने को कहा गया है। हम सभी पेड़ों को बचाते हुए स्मारक बनाएंगे। पेड़ काटने से जुड़ी खबरों पर खैरे ने कहा कि ऐसी अफवाहें निहित स्वार्थों के लिए फैलाई जा रही हैं जो शहर के सिडको इलाके में प्रियदर्शनी उद्यान में स्मारक नहीं चाहता।