नई दिल्ली
गत चैंपियन भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया (65 किग्रा) मंगलवार (18 फरवरी) से यहां शुरू हो रही एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपनी बादशाहत कायम रखना चाहेंगे, जबकि पिछले सत्र में कांस्य पदक जीतने वाली विनेश फोगाट (53 किग्रा) अपने पदक के रंग को बदलना चाहेंगी। यहां के केडी जाधव कुश्ती स्टेडियम में छह दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में भारतीय पहलवानों के पास टोक्यो ओलंपिक से पहले घरेलू दर्शकों के सामने अपना कौशल दिखाने का मौका होगा।
इस चैंपियनशिप को यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्लिंग ने टोक्यो ओलंपिक के लिए रैंकिंग टूर्नामेंट का दर्जा दिया है। पूनिया और विनेश के अलावा 30 सदस्यीय भारतीय दल में दीपक पूनिया, रवि कुमार दाहिया और ओलंपिक पदकधारी साक्षी मलिक भी पदक की दावेदारों में शामिल हैं। अंशु मलिक, आशु और सोनम मलिक जैसे युवा खिलाड़ी टूर्नामेंट के जरिये अपनी पहचान बनाना चाहेंगे।
टूर्नामेंट को तीन श्रेणियों में खेला जाएगा। जिसमें पुरुषों की फ्री स्टाइल, ग्रीको रोमन और महिलाओं की कुश्ती शामिल है। पहले दो दिन ग्रीको रोमन मुकाबले होंगे, उसके बाद महिलाओं की कुश्ती (अगले दो दिन) और फिर पुरुष फ्रीस्टाइल (अंतिम दो दिन) के मुकाबले होंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संकट के कारण टूर्नामेंट से पहले पाकिस्तान के चार पहलवानों और दो मैच अधिकारियों के भारत आने पर संशय था लेकिन उन्हें सरकार द्वारा चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए मंजूरी दे दी गई।
टूर्नामेंट में हालांकि चीन का 40 सदस्यीय दल भाग नहीं लेगा क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण भारत सरकार ने चीन के दल को वीजा जारी नहीं किया। सीनियर एशियाई चैंपियनशिप का भारत में दो साल बाद आयोजन हो रहा है। पिछले साल इसका आयोजन चीन के शियान प्रांत में हुआ था जहां भारतीय खिलाड़ियों ने 16 पदक जीते थे। इसमें 65 किग्रा भार वर्ग में पूनिया का स्वर्ण पदक भी शामिल था।
विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज और भारत के लिए पदक के सबसे बड़े दावेदार पूनिया ने कहा, ''हम सब के लिए यह शानदार मौका है। हम अपने घरेलू दर्शकों के सामने खेलेंगे। कई लोगों को लग रहा होगा कि इससे हम पर दबाव बढ़ेगा लेकिन मैं मानता हूं कि इससे हमें फायदा मिलेगा। मुझे उम्मीद है कि बड़ी संख्या में दर्शक इसे देखने के लिए आएंगे।''
इटली में रैंकिंग सीरीज में हाल ही में स्वर्ण जीत कर लौटी विनेश महिलाओं के वर्ग में पदक की सबसे बड़ी भारतीय दावेदार होंगी। विनेश ने कहा, ''पुरुष और महिला वर्ग में हमारी मजबूत टीमें हैं। एशिया में कई शानदार पहलवान हैं और चूंकि यह ओलंपिक वर्ष है ऐसे में हर कोई ज्यादा से ज्यादा जीत दर्ज करने के बारे में सोच रहा होगा।'' पिछले साल इस टूर्नामेंट के 62 किग्रा में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी इस बार 65 किग्रा में चुनौती पेश करेंगी।