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बजट के दिन क्यों धड़ाम से गिरा शेयर बाजार, 5 कारण

नई दिल्ली 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2020-21 शेयर बाजार को पसंद नहीं आया। बजट में किए गए ऐलानों से बाजार का मूड ऑफ हो गया और गिरते-गिरते सेंसेक्स-निफ्टी ने बड़ा गोता लगा लिया। BSE का बेंचमार्क सेंसेक्स दिन के कारोबार में एक वक्त 1000 से ज्यादा पॉइंट्स नीचे ट्रेड करता देखा गया। वहीं निफ्टी 11750 के लेवल से भी नीचे चला गया। आखिर में सेंसेक्स 987.96 अंकों की गिरावट के साथ 39,735.53 पर सिमटा और निफ्टी 318 अंक गिरकर 11643.80 अंकों पर बंद हुआ। आइए जानें, किन ऐलानों ने बिगाड़ा बाजार का मूड। 

 

टैक्स स्लैब को लेकर कन्फ्यूजन 

इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत सभी छूट खत्म किए जाने को लेकर निराशा। पांच लाख तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना है। ऐनालिस्ट्स का कहना है कि पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था के बीच में चुनाव के ऑप्शन की वजह से और जटिलताएं सामने आ गई हैं। प्रस्तावित टैक्स प्रस्ताव से मध्य वर्ग को भारी फायदा होगा। 

 

किसी सेक्टर को नहीं मिला कुछ खास 

बजट में किसी सेक्टर विशेष के लिए कोई खास ऐलान नहीं किए गए, फिर चाहे वह अरसे से सुस्ती झेल रहा ऑटो सेक्टर हो या रियल एस्टेट सेक्टर। उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार आर्थिक सुस्ती से बाहर निकलने के लिए खपत को बढ़ावा देने के लिए सुस्ती झेल रहे सेक्टर्स के लिए कुछ ऐलान होंगे। जियोजीत फाइनैंशल सर्विसेज के रीसर्च हेड विनोद नायर ने उम्मीद पर खरा नहीं बताया है। उनके मुताबिक, बाजार को बजट से काफी उम्मीदें थीं। उन्होंन कहा, खर्च बढ़ाने को लेकर इकॉनमी को जो सपॉर्ट दिया जाना था, वह बजट में नहीं दिखा। 

 

LTCG टैक्स पर नहीं किया गया कोई ऐलान 

ऐसी उम्मीदें थीं कि सरकरा इस बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स(LTCG) टैक्स खत्म करेगी या लॉन्ग टर्म की परिभाषा बदलेगी, जो निवेशकों के हित में होगा। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं किया गया, जिससे बाजार निराश हुआ। 

 

विनिवेश का ऊंचा टारगेट 

बजट ऐलानों में सरकार ने डिसइन्वेस्टमेंट को लेकर बड़ा टारगेट रखा है। वित्त वर्ष 2021 के लिे सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश टारगेट रखा है, जिसे काफी ऊंचा लक्ष्य माना जा रहा है। सरकार ने LIC में अपनी हिस्सेदारी बेटनवे का फैसला किया है। इसके अलावा IDBI में भी सरकार अपना कुछ हिस्सा बेचेगी। 

 

डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स(DDT) का खत्म होना 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारणण ने बजट में DDT खत्म करने का ऐलान किया, जिससे सरकारी खजाने पर 25000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह निवेशकों के लिए नेगेटिव खबर है क्योंकि डिविडेंड अब टैक्सपेयर की इनकम में जुड़ जाएगा। 

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