नई दिल्ली
यस बैंक मामले के बाद देश के तमाम प्राइवेट बैंक शक की निगाहों से देखे जाने लगे हैं। ऐसा माहौल बन रहा है कि जमाकर्ता प्राइवेट बैंक से पैसा निकाल कर सरकारी बैंकों में जमा कर रहे हैं। कुछ राज्य सरकारों ने भी प्राइवेट बैंक में जमा पूंजी को निकालना शुरू कर दिया है, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने आकर सफाई दी है। आरबीआई ने राज्य सरकारों से ऐसा नहीं करने की अपील की है।
आरबीआई ने लिखी चिट्ठी
रिजर्व बैंक ने इस बाबत सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर कहा कि प्राइवेट बैंकों को लेकर जो आशंकाएं पैदा हुई हैं वह बेतुका है। अगर राज्य सरकारें इस तरह प्राइवेट बैंकों से पैसा निकालना शुरू कर देती हैं तो इससे बैंकिंग और फाइनैंशल सेक्टर पर बुरा असर होगा।
राज्य सरकारों ने पैसे निकालना शुरू किया
रिजर्व बैंक ने यह आदेश तब जारी किया है जब कुछ रिपोर्ट में यह कहा गया कि कई राज्य सरकारों ने प्राइवेट बैंक में जमा पूंजी को निकालना शुरू कर दिया है। वे प्राइवेट बैंक से पैसा निकाल कर सरकारी बैंकों में जमा करना शुरू कर दिया है।
करुर वैश्य बैंक की भी हालत खराब
बैंकिंग सेक्टर बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक और यस बैंक के डूबने के कगार पर पहुंचने के बाद कर्नाटक बैंक के ग्राहकों की चिंता बढ़ गई है। कर्नाटक बैंक ने जमाकर्ताओं को उनके पैसे की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करते हुए बुधवार को कहा कि उसका आधार मजबूत है और उसके पास जरूरत के लिए पूंजी पर्याप्त मात्रा में है। बैंक ने कहा कि जमाकर्ताओं को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इसके अलावा RBL, करूर वैश्य बैंक ने भी बयान जारी कर कहा कि उसके आधार मजबूत हैं और ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है।