जबलपुर
मध्य प्रदेश (madhya pradesh) की पवई विधान सभा सीट (pawai assembly seat) से चुनाव जीते बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी (prahlad lodhi) को जबलपुर हाईकोर्ट (jabalpur high court) ने फौरी तौर राहत दे दी है. कोर्ट ने उनकी सज़ा पर 7 जनवरी 2020 तक रोक लगा दी है. केस की अगली सुनवाई इसी दिन होना है.
पवई विधान सभा सीट से चुनकर विधान सभा पहुंचे बीजेपी के प्रह्लाद लोधी को भोपाल के स्पेशल कोर्ट ने तहसीलदार से मारपीट के मामले में दो साल की सज़ा सुनायी थी. कोर्ट के इस फैसले के ख़िलाफ प्रह्लाद लोधी हाईकोर्ट चले गए थे. कोर्ट में बुधवार 6 को इस केस की सुनवाई पूरी हो गयी थी. उसके बाद कोर्फैट ने फैसला सुरक्षित रखा था. हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रह्लाद लोधी की सज़ा पर रोक लगा दी. ये रोक अगले साल सात जनवरी तक जारी रहेगी.
कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा सचिवालय ने फैसले की कॉपी मंगाई और कुछ ही देर बाद प्रह्लाद लोधी की सदस्यता शून्य किए जाने की घोषणा कर दी थी. इस घोषणा से पवई विधानसभा सीट (Pawai Assembly Seat) खाली हो गई है. विधानसभा स्पीकर के निर्णय के बाद मामले पर राजनीति शुरू हो गई. बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. मंगलवार को पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल लालजी टंडन से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा स्पीकर का फैसला गैर कानूनी है.
जानकारी के अनुसार 28 अगस्त 2014 को पन्ना जिले की रैपुरा तहसील सिमरिया थाना इलाके में नोनेलाल लोधी अवैध रेत का उत्खनन कर रहे थे.इसे रोकने के लिए तहसीलदार आर के वर्मा मौके पर पहुंचे और उन्होंने रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली को जब्त कर लिया.थाने में कार्रवाई के बाद तहसीलदार वापस लौट रहे थे, तभी मडवा गांव के पास प्रह्लाद लोधी और उनके समर्थकों ने तहसीलदार से मारपीट की.पुलिस ने प्रह्लाद लोधी सहित 12 आरोपियों के खिलाफ मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था.यह मामला ज़िला कोर्ट से ट्रांसफर होकर राजधानी भोपाल की एमपी, एमएलए की स्पेशल कोर्ट में आया था.