भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम-म.प्र. (मनरेगा) ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने में वरदान सिद्ध हुई है। पटेल ने बताया कि प्रदेश में गत अप्रैल से 31 अक्टूबर, 2019 तक साढ़े ग्यारह करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है, जो लक्ष्य की 57 प्रतिशत उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण अंचल में स्थानीय लोगों को मजदूरी उपलब्ध कराई जा रही है तथा मशीनों के उपयोग को कड़ाई से रोका गया है।
मंत्री पटेल ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के कार्य तेजी से संचालित कराये जा रहे हैं। इस वित्त वर्ष में 3 लाख 10 हजार 176 निर्माण कार्य पूर्ण किये गये हैं। इनमें 71.54 प्रतिशत कार्य प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की गतिविधियों पर आधारित हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष मात्र 48.16 प्रतिशत कार्य कराये गये।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि मनरेगा की मंशानुरूप रोजगार की गतिविधियों में महिला श्रमिकों की 33 प्रतिशत भागीदारी का प्रावधान है। मध्यप्रदेश ने इस प्रावधान से अधिक 38 प्रतिशत महिला श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 30 हजार से अधिक परिवारों को 100 दिवस रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में कुल आवंटित बजट का 69 प्रतिशत मजदूरी पर तथा मात्र 31 प्रतिशत मटेरियल पर खर्च किया गया है, जो एक रिकार्ड है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार ने मशीनों के उपयोग के लिये किसी भी तरह की छूट नहीं चाही है।