भोपाल
मध्यप्रदेश की महती योजना ‘डायल-100’ में दौडऩे वाली गाडिय़ों के बंद होने का संकट दूर हो गया है। ऐसा इसलिए कि राज्य सरकार ने एक हजार गाडिय़ों को मंजूरी दे दी है। पीएचक्यू की मांग थी कि पांच सौ गाडिय़ों की अनुमति और दी जाए। सरकार ने नई गाडिय़ों के लिए नए सिरे से प्रस्ताव भेजने को कहा है।
मध्यप्रदेश में ‘डायल-100’ योजना लागू होने के बाद लोगों को खासा राहत मिली है। ऐसा इसलिए कि शहरी क्षेत्र में सात मिनट और देहात में 25 मिनट में गाडिय़ां पहुंचकर लोगों को राहत पहुंचा रही हैं। डायल-100 गाडिय़ों का संचालन भारत विकास ग्रुप (बीवीजी) कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जब यह सेवा शुरू की गई थी, तब कंपनी को पांच साल का टेंडर दिया गया था। उस समय से अब तक कंपनी द्वारा एक हजार गाडिय़ों का संचालन किया जा रहा है। गाडिय़ों के संचालन के एवज में दूरसंचार शाखा द्वारा कंपनी को 60 हजार रुपए किराए के तौर पर भुगतान किया जाता है। कंपनी का अनुबंध 31 मार्च 2020 तक का है।
पीएचयू ने इसका प्रस्ताव बहुत पहले भेजा था। प्रस्ताव काफी समय से वित्ता विभाग में लंबित था। ऐसे में यह माना जाने लगा था कि गाडिय़ों के संचालन पर संकट खड़ा हो जाएगा। ऐसा इसलिए कि अनुबंध का रिनुअल पांच महीने पहले होना था। सरकार ने अभी चलने वाली एक हजार गाडिय़ों को अनुमति प्रदान कर दी है। पीएचक्यू ने 500 नई गाडिय़ों के संचालन की अनुमति मांगी थी। सरकार ने फिलहाल इसे रोक दिया है। शासन ने कहा कि संचालित गाडिय़ों को मंजूरी दी गई है। नए वाहनों के संचालन के लिए नए सिरे से डीपीआर (प्रस्ताव) भेजने को कहा है। अब सरकार उस पर आने वाले खर्च का हिसाब लगाने के बाद आगे फैसला करेगी।