भोपाल
प्रदेश में इस वर्ष मानसून में एक जून से 9 सितम्बर तक 32 जिलों में सामान्य से अधिक, 17 जिलों में सामान्य एवं शेष जिलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज हुई है। सर्वाधिक वर्षा जबलपुर जिले में और सबसे कम वर्षा सीधी जिले में दर्ज की गई है।
सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिले जबलपुर, सिवनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सागर, सिंगरौली, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, श्योपुरकलां, गुना, अशोकनगर, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा और बैतूल हैं।
सामान्य वर्षा वाले जिले कटनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिण्डौरी, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सतना, अनूपपुर, उमरिया, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी और दतिया हैं। सामान्य से कम वर्षा वाले जिले शहडोल और सीधी हैं।
कल सुबह से जारी वर्षा का दौर पूरी रात के साथ ही आज सुबह से अब तक जारी है। स्थानीय मौसम केन्द्र में आज सुबह 8.30 बजे तक 140.4 मिमी यानी 14.4 सेमी बारिश हो गई। आज बारिश की तेजी में कुछ कमी आने का अनुमान है। वैसे आगामी 24 घंटों तक शहर में लाइट टू मॉडरेट रैन का अनुमान लगाया गया है।
कल सुबह से शुरु हुआ बारिश का सिलसिला अभी जारी है। कल शाम 5.30 बजे तक हुई 62.3 मिमी बारिश का स्कोर बढ़ कर आज 140.4 मिमी पर पहुंच गया। ये पिछले 58 साल में सितंबर में एक दिन में हुई बारिश का सबसे अधिक स्कोर है। भोपाल में पूरे सितंबर माह में 16.87 मिमी बारिश होती है। इस माह का कोटा तो आठ दिन में ही पूरा हो गया।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया बंगाल की खाड़ी से उठा लो-प्रेशर सिस्टम उत्तर पूर्वी मप्र में पहुंच गया है। साथ ही एक ट्रफ लाइन भी बनी हुई है। इसी के प्रभाव से भारी वर्षा हो रही है। शुक्ला ने बताया कि आज से भोपाल में बारिश में कमी आनी शुरु हो जाएगी। फिर भी तीन से चार सेमी बारिश अगले चौबीस घंटों में हो सकती है।