रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पर्यावरण (Environment) के साथ तो खिलवाड़ हो ही रहा है. बल्कि लोगों की जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. प्रदेश में एक साल में औद्योगिक जिलों में ही सीएसआर (CSR) मद से कोई पौधारोपण नहीं किया गया है, जिससे प्रदेश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. प्रदूषण (Pollution) के मामले में रायगढ़, कोरबा व दुर्ग जिला प्रदेश ही नहीं देश में भी स्थान रखता है, लेकिन प्रदूषण कम करने के जो प्रयास सरकार की ओर से किए जाने चाहिए वो धरातल पर नहीं दिखते हैं.
सूचना के अधिकार (RTI) के तहत निकाली गई जानकारी के अनुसार रायगढ़ (Raigad) और दुर्ग (Durg) जिले में पिछले एक साल में सीएसआर (CSR) मद में एक भी पौधा नहीं रोपा गया है. जबकि ये दोनों ही शहर औद्योगिक शहर हैं जहां प्रदूषण दूसरे शहरों के मुकाबले ज्यादा है. राजधानी रायपुर में ही एयर क्वालिटी ग्राफ 393 पहुंच गया है. जबकि 300 के पार खतरनाक स्तर पर माना जाता है. जाहिर है वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का इस मामले में साफ कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई काम ही नहीं कर रही है. वहीं पर्यावरणविद अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि पौधारोपण नहीं करने से न केवल प्रदूषण फैलता है बल्कि ग्राउंड वाटर लेवल भी डाउन हो रहा है, जो भविष्य में छत्तीसगढ़ में विकराल समस्या का रूप धारण कर सकता है. ऐसे में समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि ये सच है कि प्रदेश में सही मायने में वृक्षारोपण नहीं हो पा रहा है, लेकिन प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण के लिए पूर्व की बीजेपी सरकार को ही उन्होंने कटघरे में खड़ा कर दिया है. विकास का कहना है कि 15 साल तक पूर्व की बीजेपी सरकार ने इस ओर कोई ठोस व उचित कदम नहीं उठाए, जिसका खामियाजा प्रदूषण के तौर पर जनता को भुगतना पड़ रहा है.