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पुणे की श्रेया की सफल हैंड ट्रांसप्लांट सर्जरी, स्किन टोन भी बदल गया

 
मुंबई

पुणे की 21 साल की श्रेया सिद्दानागोडर की जिंदगी उस समय बदल गई, जब उनके हाथों की सफल सर्जरी हुई। श्रेया के हाथ दरअसल 21 साल के केरल के एक शख्स के हैं, जिसकी अगस्त 2017 में मौत हो गई थी। सर्जरी के बाद श्रेया अब पूरी तरह सही से काम कर पा रही हैं और अच्छे से लिख भी पा रही हैं।

श्रेया के हाथों का रंग उनके स्किन टोन से मिल नहीं पाया था, लेकिन अब वह भी सही हो गया है। श्रेया ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मैं नहीं जानती कि यह बदलाव कैसे आया लेकिन अब मुझे लगता है कि ये मेरे ही हाथ हैं। ट्रांसप्लांट के बाद हातों का रंग काला था, लेकिन अब वह मेरे रंग से मिल गया है।'
वह एशिया की पहली ऐसी लड़की हैं जिनके हाथ सफल तौर पर इंटर-जेंडर ट्रांसप्लांट किए गए। कोच्चि में अमृता इस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में डॉक्टर इस बारे में रिसर्च कर रहे थे कि महिला हॉर्मोन इस तरह के बदलावों को झेल पाएंगी। दुनिया भर में 200 से भी कम हाथ ट्रांसप्लांट किए गए हैं लेकिन वैज्ञानिक तौर पर किसी भी तरह के स्किन टोन में बदलाव का रिकॉर्ड नहीं है।
 
संस्थान में प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. सुब्रमन्या अय्यर ने कहा, 'हम साइंटिफिक जर्नल में हैंड ट्रांसप्लांट के दो मामले पब्लिश करना चाहते थे। इसमें अभी समय लगेगा। हमने श्रेया के स्किन टोन में बदलाव को रिकॉर्ड किया है, लेकिन उंगलियों और हाथ की बनावट में बदलाव को समझने के लिए थोड़ा और रिसर्च करना होगा।'

सितंबर 2016 में जब श्रेया अपने घर पुणे से कर्नाटक के मणिपाल संस्थान जा रही थीं, तब बस हादसे के बाद उनके दोनों हाथों को हटाना पड़ा था। इसके एक साल बाद उन्होंने ट्रांसप्लांट के लिए अर्जी थी और बाद में उन्हें डोनर भी मिल गए।

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