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पीएसी भर्ती घोटाला : फर्जी मेडिकल में मंडलीय अस्पताल का सर्जन भी गिरफ्तार

वाराणसी 
पीएसी आरक्षी भर्ती घोटाले में कैंट पुलिस ने शनिवार को एक और चिकित्सक को गिरफ्तार किया। अभ्यर्थियों को री-मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टरों के पैनल में शामिल शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल के सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार पांडेय को पुलिस ने सुबह करीब आठ बजे नदेसर चौराहे से गिरफ्तार किया। प्रकरण में नामजद छह आरोपितों में से अब तक तीन गिरफ्तार किये जा चुके हैं। उधर, विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण रामचन्द्र की अदालत ने डॉ. सत्येन्द्र कुमार पांडेय को 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। 

डॉ. एसके पांडेय कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में बतौर सर्जन तैनात रहे हैं। पीएसी आरक्षी भर्ती में री-मेडिकल टेस्ट में पास कराने के लिए रिश्वत के रूप में दो से ढाई लाख रुपये लेने में पैनल में शामिल डॉक्टरों के भी नाम सामने आए। इस पैनल में डॉ. एसके पांडेय भी शामिल थे। इनके खिलाफ पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 

पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह डॉक्टर को नदेसर चौराहे से वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया। डॉ. पांडेय बिहार के भभुआ जिले में वीआईपी कॉलोनी के मूल निवासी हैं। वाराणसी में लंका थाने के चितईपुर क्षेत्र के शिवकाशी अपार्टमेंट में रहते हैं। घोटाला मामले में दो आरक्षियों रमेश सिंह और राजेश सिंह के अलावा एक अन्य पवन जायसवाल फरार चल रहे हैं। जिला अस्पताल में सर्जन डॉ. शिवेश जायसवाल और एक अन्य आरोपित आकाश बेनवंशी को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था।

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