नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के अनुरोध पर हो सकने वाली बहस में भारत अधिकतम समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है। 47 सदस्यीय UNHRC का सत्र सोमवार से जिनेवा में शुरू हो रहा है। ईटी को पता चला है कि जिनेवा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और केंद्र सरकार यूरोप, अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका से कई देशों के संपर्क में हैं। UNHRC में कश्मीर के मुद्दे पर वोटिंग के दौरान भारत गैर मौजूद सदस्य देशों की संख्या को कम से कम करना चाहता है। एक सूत्र ने बताया कि भारत को अपने समर्थन को वोटों में तब्दील करने की जरूरत है। पाकिस्तान की तुलना में भारत के पास अधिक समर्थन है लेकिन यह वोटों के तौर पर दिखना चाहिए।
यूरोप से अफ्रीका तक भारत के साथ
UNHRC के यूरोपीय सदस्यों पर भारत विशेष ध्यान दे रहा है। अफ्रीका ने इस मुद्दे पर भारत को अपना सैद्धांतिक समर्थन दिया है, लेकिन भारत इसे वोटों में बदलना चाहता है। लैटिन अमेरिका से भी समर्थन मिलने की अच्छी संभावना है। लैटिन अमेरिकी देशों के साथ पिछले कुछ वर्षों में भारत के संबंध मजबूत हुए हैं और UNHRC में भी ये देश भारत का पक्ष ले सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर में ब्रिक्स समिट के लिए ब्राजील जाएंगे।
चीन से भी बात करेगा भारत
सऊदी अरब, बहरीन और कतर के साथ भी भारत संपर्क कर रहा है। हालांकि, चीन की ओर से इस मुद्दे पर भारत को समर्थन मिलना मुश्किल है। UNHRC में बहस का चीन पक्ष ले सकता है, लेकिन किसी विशेष प्रस्ताव पर वोट देने से उसके बचने की संभावना है। भारत की बहस से पहले चीन से भी इस बातचीत करने की योजना है। UNHRC के 9 से 27 सितंबर तक चलने वाले सत्र में जम्मू और कश्मीर में भारत की ओर से 'मानवाधिकारों का उल्लंघन करने' को लेकर पाकिस्तान बहस के लिए दबाव डालेगा। इससे पहले पाकिस्तान इस मुद्दे को पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में उठाने में नाकाम रहा था।
UNHRC में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री के एक सेक्रेटरी कर रही हैं। प्रतिनिधिमंडल की सहायता अजय बिसारिया करेंगे जो हाल तक पाकिस्तान में भारत के राजदूत थे। केंद्र सरकार के 5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध न के बराबर रह गए हैं।
ये देश भी UNHRC में
UNHRC में अफ्रीका से अभी मिस्र, ट्यूनीशिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ ही कुछ अन्य अफ्रीकी देश सदस्य हैं। इसके अलावा ब्राजील, क्यूबा, चिली, पेरू और उरुग्वे भी इसमें शामिल हैं। भारत के दो पड़ोसी देश अफगानिस्तान और बांग्लादेश भी अभी UNHRC में हैं।