नई दिल्ली
सीमा पार से पाकिस्तान के ड्रोनों का इस्तेमाल कर हथियारों और कारतूसों की खेप गिराने की हालिया घटना से सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गई है। कुल 80 किलोग्राम हथियार (हथियार और गोला-बारूद) की खेप भारत में गिराने के लिए करीब आठ ड्रोन को 9 से 16 सितंबर के बीच पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकी समूहों द्वारा पंजाब में सीमा पार से भेजा गया था। यह जानकारी नाम न जाहिर करने की शर्त पर सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों और पंजाब पुलिस ने पुष्टि की। पाक स्थित इस आतंकी समूह ने भारतीय सीमा में गोला-बारूद गिराने के लिए चीनी ड्रोन का इस्तेमाल किया है। बता दें कि सीमा पार से पाकिस्तान के ड्रोनों का इस्तेमाल कर हथियारों और कारतूसों की खेप गिराने की हालिया घटना जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किये जाने के बाद पाकिस्तान के नापाक मंसूबे का यह भयावह आयाम है।
बताया जा रहा है कि हथियारों और गोला-बारूदों की यह पूरी खेप जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले को अंजाम देने के मकसद से भेजी गई । पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा समर्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) नेटवर्क इसके पीछे है। 22 सितंबर को पंजाब पुलिस ने चार लोगों की गिरफ्तारी के साथ रविवार को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के एक आतंकी मॉड्यूल के खुलासे का दावा किया जिसे पाकिस्तान और जर्मनी स्थित समूहों का समर्थन हासिल था। पुलिस ने कहा कि आतंकी समूह पंजाब और पड़ोसी राज्यों में धमाके की साजिश रच रहा था। इन आतंकियों के पास से पांच एके-47 राइफल, पिस्तौल, सेटेलाइट फोन और हथगोलों समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद किये गए हैं।
ड्रोन से हथियार गिराने के मामले में पंजाब पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक 22 वर्षीय सुभदीप मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। जांचकर्ताओं ने कहा कि वह अमृतसर जिले से है और अमृतसर जेल में बंद मामले के मुख्य आरोपी मान सिंह और एक अन्य आरोपी आकाशदीप से प्रभावित था। आतंकी मॉड्यूल से जुड़े अन्य चार लोगों को रविवार को तरनतारन के गांव चोहला साहिब के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था। वे पंजाब नंबर के एक सफेद मारुति स्विफ्ट का उपयोग कर रहे थे।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले के अंतरराष्ट्रीय संबंध और साजिश की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आगे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने कहा कि इस समूह से जुड़े चार लोगों को रविवार को तरन तारन जिले के चोहला साहिब गांव के पास से गिरफ्तार किया गया।
गुप्ता ने कहा, “वे सफेद रंग की एक मारुति स्विफ्ट कार का इस्तेमाल कर रहे थे जिस पर पंजाब का नंबर था।”शुरुआती जांच में यह खुलासा होने के बाद कि सीमा पार हथियार और संचार साधनों की आपूर्ति के लिये ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता था, मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल को जरूरी जवाबी कदम उठाने के निर्देश दे।
दिनकर गुप्ता के मुताबिक ऐसा संदेह है कि इन हथियारों की आपूर्ति आईएसआई द्वारा अपने नियंत्रण में काम करने वाले राज्य प्रायोजित जिहादियों और खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों को हाल में की गई। गुप्ता ने एक बयान में कहा, “बड़ी मात्रा में घुसपैठ से यह लगता है कि इसका उद्देश्य घाटी में हाल में हुए घटनाक्रम के बाद जम्मू-कश्मीर, पंजाब और भारत के दूसरे इलाकों में आतंकवाद और उग्रवाद को बढ़ावा देना है।”
गुप्ता ने कहा कि यह अभियान सूत्रों द्वारा दी गई उस जानकारी पर आधारित था कि प्रतिबंधित केजेडएफ के कार्यकर्ता जम्मू-कश्मीर, पंजाब और अन्य राज्यों में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने की साजिश कर रहे हैं। दिनकर गुप्ता ने कहा कि इस मॉड्यूल को पाकिस्तान स्थित केजेडएफ प्रमुख रंजीत सिंह उर्फ नीटा और उसके जर्मनी स्थित सहयोगी गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा उर्फ डॉक्टर का समर्थन था जो पंजाब में आतंकवाद को फिर से भड़काने के लिये अपने संगठन को फिर से संगठित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्लीपर सेल्स की मदद से उन्होंने स्थानीय सदस्यों की पहचान कर उनमें कट्टरवाद का जहर भरा और भर्ती की। इसके अलावा सीमा पार से धन और अत्याधुनिक हथियारों की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किये गए लोगों में बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग, आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह शामिल हैं। (भाषा के इनपुट सहित)