पटना में जलनिकासी की विशेष कार्ययोजना तैयार, सीएम नीतीश करेंगे समीक्षा

पटना                                                                                                                                                                                                                                                      
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पटना में हुए अभूतपूर्व जलजमाव पर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। इस बैठक में न सिर्फ जलजमाव के कारणों पर बात होगी बल्कि भविष्य में ऐसा न हो, इसकी रूपरेखा पर भी मंथन होगा। यूं तो पटना नगर निगम को सरकार ने पहले ही तमाम अतिरिक्त सुविधाएं दे रखी हैं, मगर इस बार के अभूतपूर्व जलजमाव के मद्देनजर विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। 

नगर विकास एवं आवास विभाग ने बुडको और पटना नगर निगम के साथ मंथन करके इसे तैयार किया है। मुख्यमंत्री के समक्ष इसका पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया जाएगा। इसकी तैयारियों को लेकर रविवार को भी विभाग खोला गया। देर शाम तक प्रजेंटेशन को अंतिम रूप दिया जाता रहा। अधिकारियों ने इस दौरान सीएम सचिवालय की दौड़ भी लगाई। सोमवार को पटना को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना पर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। साथ ही जलजमाव के लिए दोषियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।

पटना का पानी निकालने को चिह्नित हुए कैचमेंट एरिया 
लगातार बारिश ने बीते दिनों पटना को डुबो दिया। फिर ऐसा न हो, इस पर मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर नया एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। राजधानी में ऐसे करीब डेढ़ दर्जन स्थान चिह्नित किए गए हैं जहां जलजमाव हुआ। वहीं दर्जनभर कैचमेंट एरिया तय किए गए हैं, जिनसे राजधानी के तमाम मोहल्लों के पानी की निकासी हो सकेगी। नगर विकास विभाग के इंजीनियरिंग संकाय ने जीपीएस मैपिंग के जरिए इसका खाका खींचा है।

दर्जनभर नए संप हाउस प्रस्तावित, पुराने होंगे ऊंचे 
पटना में दर्जनभर नए संप हाउस बनाया जाना भी प्रस्तावित है। यह संप हाउस उन इलाकों में बनाए जाएंगे, जहां अभी नहीं हैं। पार्षदों संग हुई नगर विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक में बाजार समिति, राजेंद्र नगर सहित कई अन्य स्थानों पर नए संप हाउस बनाने की बात रखी गई थी। इसके अलावा पुराने ऐसे सभी संप हाउसों को ऊंचा उठाया जाएगा, जो पानी में डूब गए थे। पुराने संप हाउसों की क्षमता वृद्धि भी की जाएगी। हालांकि 14 स्थानों पर ऐसी योजनाएं दो साल से अधिक समय से स्वीकृत होकर फाइलों में धूल फांक रही हैं। नए नालों का निर्माण भी प्रस्तावित किया गया है। उनकी संख्या का आंकलन कराया जा रहा है। 

इन चार बिंदुओं पर होगा प्रजेंटेशन
-जलजमाव से पटना के कौन-कौन से इलाके सर्वाधिक प्रभावित हुए।
-जलजमाव क्यों हुआ। बारिश का पानी कई दिनों तक क्यों नहीं निकला और इसका कारण क्या रहा।
-अभी तक नगर विकास एवं आवास विभाग ने क्या-क्या किया। कितनी योजना स्वीकृत कीं और उनकी क्या स्थिति है।
-फिर ऐसा न हो, इसके लिए कार्ययोजना पेश की जाएगी। नाला निर्माण, नए संप हाउस और पुरानों की क्षमता वृद्धि पर होगी बात। जल निकासी के बनेंगे कैचमेंट एरिया।

यह हैं पटना में जलजमाव के पांच मुख्य कारण
-पटना के सारे नालों की ठीक ढंग से उड़ाही न होना और उनमें कैचपिट न होना।
-संप हाउसों की क्षमता कम। कई खराब थे, जो हैं वो भी बमुश्किल 10 प्रतिशत क्षमता पर ही चले।
-नमामि गंगे के तहत बनाए गए ड्रेनेज सिस्टम को पटना नगर निगम के पुराने ड्रेनेज सिस्टम के चेंबर से कनेक्ट नहीं होना। -कई जगह ड्रेनेज लाइन टूट जाना। 
-एनजीटी के निर्देश पर नालों में लगाई गई जाली में कचरा फंसने से नाले जाम हुए और पानी उल्टा लौट गया।
-गोला रोड की विभिन्न कॉलोनियों सहित शहर के सभी विस्तार वाले इलाकों में कोई ड्रेनेज सिस्टम न होने से हुआ जलभराव, जो अभी भी है।

कई विभागों के अफसर रहेंगे मौजूद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को शाम चार बजे से मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में पटना की अतिवृष्टि से पैदा हुए हालात पर बैठक करेंगे। इस दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, स्वास्थ्य विभाग, पीएचईडी सहित कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

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