पटना कोतवाली में आग से टॉपर घोटाले की कॉपियां जलीं, फरार हुआ एक बंदी

पटना                                                                                                                      
कोतवाली थाने के प्रथम तल्ले पर आग लगने से टॉपर घोटाले से जुड़ी कॉपियां जल गईं। वहीं एक बंदी सिपाहियों को चकमा देकर भाग निकला। अगलगी की सूचना पर पहुंची दमकल की तीन गाड़ियों  ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

जानकारी के अनुसार थाने में गुरुवार की सुबह सात बजकर 20 मिनट पर आग लगी। आग लगते ही अफरातफरी मच गई। इस बीच पुलिस वाले हाजत में कैद बंदियों को सुरक्षित स्थान पर ले गये, लेकिन एक बंदी इसी बीच चकमा देकर भाग निकला। इधर, अगलगी की खबर मिलते ही मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने आग को काबू में किया। हालांकि तब तक कमरे में रखी बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले से जुड़ी परीक्षा की कॉपियां, महुआ, कुर्सी, एसी का सामान व मालखाने से जुड़े कई कागजात जलकर राख हो गए। थानेदार रामशंकर सिंह ने बताया कि मालखाना प्रभारी के आने पर क्षति का आकलन होगा।

तार में हुआ शॉर्ट-सर्किट फिर आग पहुंची थाना तक
दरअसल कोतवाली थाने के पीछे से तार बिल्डिंग के भीतर तक आया है। पोल पर हुए शॉर्ट सर्किट से आग तार में लगी, जो धीरे-धीरे भीतर तक आ पहुंची। यहां रखे कागज में आग लगी फिर तेज लपटें उठने लगीं। यह देख बाहर खाना बना रहे सिपाहियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की लेकिन तेज लपटों को देख वे भी पीछे हट गये। अफरातफरी के बीच दमकल दस्ते को खबर दी गयी। एक के बाद एक दमकल की तीन गाड़ियां पहुंची और आग बुझायी जा सकी।

हर बार थाने के ‘अग्निकोण’ में ही लग रही आग 
कोतवाली थाने में यह तीसरी मर्तबा है जब इस तरह की आग लगी है। इसके पहले लगी आग भी थाने की अग्निकोण दिशा में लगी थी। उस वक्त मालखाने की गाड़ियां जल गयी थीं। इस बार भी आग अग्निकोण दिशा में स्थित प्रथम तल्ले के कमरों में लगी। यह बात पुलिसकर्मियों के बीच दिनभर चर्चा का विषय बना रहा। ज्ञात हो कि जिस जगह आग लगी, वहां होमगार्ड के सिपाही रहते थे। साथ ही थाने के मालखाने का सामान भी रखा जाता है। यहां कितने का नुकसान हुआ है कहना मुश्किल है। 

अंग्रेजों के बनाये भवन में चलता है थाना
पटना का कोतवाली थाना अंग्रेजों के जमाने का है। अंग्रेज यहां थाने के सरिस्ता के बाहर घोड़े से आते थे। इस कारण सरिस्ता के बाहर बरामदे की ऊंचाई भी ज्यादा है। कई साल पहले कोतवाली थाने का क्षेत्र भी बड़ा था। इसलिए पटना का कोतवाली थाना रहा है। आजादी के वक्त हुए आंदोलन का यह गवाह भी रहा है। अंग्रेजों के बनाये भवन में ही कोतवाली थाना आज भी   चलता है। शहर की हृदयस्थली में बने इस थाने को काफी अहम माना जाता है।  

आग की लपटों को देख थम गयी थीं सांसें 
थाने में आग की लपटों को देखकर आते-जाते राहगीरों और पुलिसवालों की सांसें थम गयी थीं। शुरुआती दौर में कुछ पुलिसवालों ने कमरे की ओर जाकर कागजात को निकालने की कोशिश की। लेकिन चंद ही मिनटों में लपटें तेज हो गयीं और वे भीतर नहीं जा सके।  

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